नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में ध्वनिमत से खारिज हो गया है।
हालांकि, वोटिंग के दौरान कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके और एनसीपी सहित अन्य कई विपक्षी पार्टियों के सांसद सदन में मौजूद नहीं थे क्योंकि ये दल प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के दौरान ही सदन से वॉकआउट कर गए थे।
इससे पहले अविश्वास प्रस्ताव पर तीन दिनों तक हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी, नेहरू गांधी परिवार और अन्य विपक्षी दलों पर राजनीतिक कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें अच्छा लगा कि विपक्ष ने उनकी बात मानी, उन्होंने 2018 में विपक्ष को 2023 में अविश्वास प्रस्ताव लाने का काम सौंपा था और उनकी बात मानते हुए विपक्ष 2023 में यह प्रस्ताव लेकर आया। लेकिन, उन्हें दुख हुआ कि इसके लिए विपक्ष ने कोई तैयारी नहीं की, अविश्वास प्रस्ताव में कुछ भी इनोवेशन नहीं था, क्रिएटिविटी नहीं थी।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए यह भी जोड़ा कि कोई बात नहीं, विपक्ष को 2028 में फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाने का मौका मिलेगा तब वो अच्छी तैयारी करके आएं, कुछ मुद्दे ढूंढ कर लाएं, मेहनत करें, थोड़ा दिमाग वाला काम करें।
2024 के लोकसभा चुनाव में फिर से भाजपा नीत एनडीए गठबंधन की जीत का दावा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव उनके लिए शुभ होता है। विपक्ष 2018 में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया तो 2019 में भाजपा और एनडीए की सीटें बढ़ गई और अब 2023 में यह अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है तो अब 2024 में जनता के आशीर्वाद से सारे रिकॉर्ड तोड़कर भव्य जीत के साथ वे फिर से आएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के कई राज्यों में कांग्रेस को पिछले कई सालों से लगातार मिल रही हार का जिक्र करते हुए कहा कि जनता ने इनके लिए नो कॉन्फिडेंस कह दिया है।
विपक्षी दलों ने अपने आचरण और व्यवहार से यह साबित कर दिया है कि उनके लिए देश नहीं दल बड़ा है। इन्हें गरीब की भूख की चिंता नहीं, सत्ता की भूख इनके दिमाग में सवार है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश को हमेशा निराश किया है, देश को तोड़ने का काम किया है, देश के साथ विश्वासघात किया है। ये वर्षों से एक ही फेल्ड प्रोडक्ट को बार-बार लांच करते हैं, हर बार फेल हो जाते हैं और अब गुस्सा जनता पर निकालते हैं।
उन्होंने विपक्षी गठबंधन पर कटाक्ष करते हुए आगे कहा कि विपक्षी दलों ने बेंगलुरु में एकत्र होकर यूपीए का क्रियाकर्म और अंतिम संस्कार कर दिया, इसके लिए वे अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं।
मोदी ने विपक्षी गठबंधन को इंडिया की बजाय घमंडिया गठबंधन कहकर संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि एनडीए के नाम में घमंड के दो ‘आई’ जोड़कर इन्होंने इंडिया बना दिया क्योंकि यूपीए को लगता है कि देश के नाम का इस्तेमाल कर अपनी विश्वसनीयता बढ़ाई जा सकती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव चिन्ह से लेकर विचारों तक कांग्रेस ने सब कुछ दूसरों से ही लिया है, गांधी का नाम तक दूसरों से लिया है। राहुल गांधी के भाषण पर हमला बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी-कभी सच भी निकल जाता है कि लंका हनुमान ने नहीं उनके घमंड ने जलाई। जनता जनार्दन भी भगवान राम का ही रूप हैं इसलिए ये 400 से 40 हो गए।
प्रधानमंत्री ने आगे देश की जनता को सावधान करते हुए कहा कि यह घमंडिया गठबंधन भारत के दिवालिया होने की गारंटी है क्योंकि ये खजाने से पैसा लुटाकर वोट पाने का खेल खेल रहे हैं।