Tuesday, November 5, 2024

अब भागदौड़ की जरूरत नहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से न्यायिक प्रक्रिया होगी आसान

मीरजापुर। अब किसी केस में गवाह बनने वाले अधिकारियों को दूसरे जिले के कोर्ट में गवाही देने के लिए नहीं जाना पड़ेगा। वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपने जिले के न्यायालय में ही उपस्थित होकर गवाही दे देंगे। ऐसा जनपद में पहली बार सोमवार को हुआ भी। एक गवाह ने मध्य प्रदेश के कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही दी। इससे समय की भी बचत हो गई और मामले के त्वरित निस्तारण में भी सहूलियत होगी।

मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक महिला की मौत के मामले में मड़िहान तहसीलदार फूलचंद्र यादव गवाह है। उन्होंने सत्र न्यायाधीश के यहां उपस्थिति होकर मध्य प्रदेश के छतरपुर सेशन कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी गवाही दी।

इस संबंध में नोडल अधिकारी कंप्यूटर व अपर सत्र न्यायाधीश जितेंद्र मिश्रा ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य न्यायालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियमावली 2020 देश में लागू हो चुकी है। इसके तहत दूरदराज जिलों से आने वाले गवाहों की गवाही तथा अन्य न्यायिक कार्यवाही लाइव लिंक के माध्यम से कराई जा सकती है। इससे समय और धन की बचत होगी तथा न्यायालय की कार्यवाही सुगम होगी।

सोमवार को तहसीलदार मड़िहान फूलचंद यादव की गवाही अपर सत्र न्यायालय लवकुश नगर जिला छतरपुर मध्य प्रदेश में लंबित सत्र परीक्षण प्रकरण में की जानी थी। प्राप्त पत्र के आधार पर जनपद न्यायालय में गवाह उपस्थित हुए और उनकी गवाही जिला छतरपुर के मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कराई गई। इस प्रकार यह जनपद में पहला मामला है। बताया कि कोई भी अधिकारी जो दूसरे जनपद या प्रांत का निवासी है तो यहां के न्यायालय में पत्र मिलने पर यहां उपस्थित होकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी गवाही दे सकते हैं।

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