लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नया जिला बनने से यह राज्य 76 जिलों का प्रदेश हो जाएगा। यह नई वृद्धि पिछले 13 वर्षों में होने वाला एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव है, जब पिछली बार राज्य में तीन नए जिले बनाए गए थे। राज्य की मौजूदा जनसंख्या लगभग 25 करोड़ है, और यह 243,290 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इससे उत्तर प्रदेश प्रशासन और विकास कार्यों की बेहतर योजना और प्रबंधन में मदद मिल सकती है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने गोरखपुर जिले की कैंपियरगंज तहसील और महाराजगंज जिले की फरेंदा तथा नौतनवा तहसीलों को मिलाकर नया जिला बनाने का निर्णय लिया है। इस प्रस्तावित नए जिले का नाम “फरेंदा” होगा। उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग की ओर से इस प्रक्रिया को औपचारिक रूप देने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
राजस्व परिषद के भूमि व्यवस्था आयुक्त भीष्म लाल वर्मा ने गोरखपुर के जिलाधिकारी को पत्र भेजकर इस संदर्भ में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इससे नया जिला बनने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है, जो प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे को और बेहतर बनाएगा।
इस पत्र में कहा गया है कि तुरंत 22 जुलाई 2024 के पत्र का संदर्भ ग्रहण करें जिसमें फरेंदा व नौतनवा और गोरखपुर की तहसील कैंपियरगंज को मिलाकर फरेंदा को जिला बनाए जाने के संबंध में बात कही गई थी। इसलिए फरेंदा को जिला बनाए जाने के संबंध में अपनी आख्या और गोरखपुर के मंडलायुक्त के माध्यम से राजस्व परिषद को उपलब्ध करा दिया जाए। डीएम गोरखपुर द्वारा भेजे जाने वाले प्रस्ताव के बाद राजस्व परिषद इस संबंध में शासन से कैबिनेट से प्रस्ताव मंजूर कराने को कहेगा। इसके बाद जिला घोषित किया जाएगा।
इसके पहले वर्ष 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने शामली हापुड़ और संभल को जिला घोषित किया था। इसके बाद से प्रदेश में कोई भी नया जिला घोषित नहीं किया गया। फरेंदा को अगर जिला घोषित किया जाता है तो यह उत्तर प्रदेश का 76वॉ जिला होगा।