भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी ने मंगलवार को सदन की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए 12 कांग्रेस विधायकों को सात दिन के लिए निलंबित कर दिया। इस पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष भक्त चरण दास समेत अन्य कांग्रेस विधायकों ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया। भक्त चरण दास ने 12 कांग्रेस विधायकों के निलंबन पर कहा कि यह सरकार और विधानसभा द्वारा किया गया “अपराध” है। हमारे विधायकों ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का मुद्दा उठाया था। जब भाजपा विधायक बेल बजाते हैं, तो वह अपराध नहीं होता, लेकिन जब हम ऐसा करते हैं, तो यह अपराध बन जाता है।
हम जनता के पास गए थे, राज्य की समस्याओं को उठाने के लिए, जिसके बाद हमने सरकार से सवाल किया। निलंबित कांग्रेस विधायक प्रफुल्ल प्रधान ने कहा कि हम अपना विरोध जारी रखेंगे। हम विधानसभा नहीं छोड़ेंगे, यहां रात बिताएंगे। हम राज्य में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को लेकर सवाल उठा रहे हैं और हमारा विरोध जारी रहेगा। कांग्रेस विधायक तारा बहिनिपाती ने कहा कि 12 कांग्रेस विधायकों का निलंबन लोकतंत्र की हत्या है। हम महिलाओं के मुद्दों पर बात करना चाहते थे, लेकिन चर्चा नहीं होने दी गई और सदन को स्थगित कर दिया गया।
हम विधानसभा छोड़ने की बजाय यहीं पर रात बिताएंगे और अपना विरोध जारी रखेंगे। कांग्रेस विधायक सोफिया फिरदौस ने कहा कि हम पर जो निलंबन लगाया गया है, उसे हमने स्वीकार कर लिया है। हम महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं, और कांग्रेस राज्य में महिलाओं के हितों की रक्षा के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। भाजपा विधायक सिद्धांत महापात्रा ने कांग्रेस के विरोध और विधानसभा में अव्यवस्थित व्यवहार को लेकर कहा कि यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। विधानसभा में जारी हंगामे से जनता के मुद्दे उठाने में परेशानी हो रही है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस विधायक पिछले 12 दिन से विधानसभा में लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। उनकी मांग थी कि राज्य में बढ़ती आपराधिक घटनाओं, खासकर महिलाओं के खिलाफ अपराधों की जांच के लिए विधायकों की एक समिति गठित की जाए। विरोध के दौरान कांग्रेस सदस्यों ने बेल बजाकर अपना असंतोष जाहिर किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई।