गाजियाबाद। भारतीय किसान यूनियन दिल्ली आंदोलन की वर्षगांठ पर मंगलवार 26 नवंबर को जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजा। भाकियू ने ज्ञापन में कहा कि हम मजदूर और किसान आज पूरे भारत में अपने मुद्दों को उजागर करने और निवारण की मांग के लिए संयुक्त रूप से विरोध कर रहे हैं। हन यह ज्ञापन आपको इस उम्मीद के साथ भेज रहे हैं कि आप देश की इन दो प्रमुख उत्पादन शक्तियों के पक्ष में हस्तक्षेप करेंगी। हमने 26 नवंबर को लामबंदों के माध्यम से विरोध दिवस के रूप में चुना है, क्योंकि यह वह दिन है जब ट्रेड यूनियनों ने मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल की थी और किसानों ने 2020 में तीन कृषि कानूनों के खिलाफ संसद की और अपना ऐतिहासिक मार्च शुरू किया था।
किसानों के लंबे संघर्ष के बाद जब कृषि कानून वापस लिए गए थे, तब किसानों से किए गए वादे आज तक पूरे नहीं हुए हैं। भाकियू ने कहा कि मेहनतकश लोग एनडीए सरकार की कॉरपोरेट्स और सुपर रिच को समृद्ध करने की नीतियों के कारण गहरे संकट का सामना कर रहे हैं। जबकि खेती की लागत और मुद्रास्फीति हर साल 12-15 से अधिक की दर से बढ़ रही है।
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जिलाध्यक्ष चौधरी बिजेंद्र सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय आव्हान पर गाजियाबाद इकाई ने डीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद इकाई प्रदर्शन के साथ साथ जनपद स्तर की प्रमुख समस्या जो कि 35 शुक्रिया मांगो के समाधान का आंदोलन भी करेगी, समाधान न होने की स्थिति में अनिश्चितकालीन धरना चलाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। जिलाध्यक्ष ने बताया कि जनपद स्तर की समस्याओं से अधिकारियों को लगातार अवगत कराया जा रहा है परन्तु अधिकारी समस्याओं को अनदेखा करके किसान को लगातार परेशान कर रहे हैं।