Sunday, April 28, 2024

हमारा उद्देश्य सिर्फ सत्ता प्राप्ति नहीं, भारत माता को परम वैभव के शिखर पर पहुंचाना हैः तोमर

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शिवपुरी। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारा उद्देश्य सिर्फ सत्ता प्राप्ति नहीं है, बल्कि भारत माता को परम वैभव के शिखर पर पहुंचाना है। स्व. राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, तब वह कहते थे कि हम केन्द्र से 100 रुपये भेजते हैं तो गांव जाते जाते 15 रुपये रह जाते हैं। लेकिन आज हम दावे के साथ कह सकते हैं कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का करोड़ों रुपये किसानों के खाते में पहुंचाकर भ्रष्टाचार को खत्म करने का काम किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश से भ्रष्टाचार को समाप्त किया है।

केंद्रीय मंत्री तोमर शुक्रवार को शिवपुरी मे आयोजित भाजपा कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। संवाद कार्यक्रम से पहले उन्होंने विधानसभा चंदेरी और चाचौड़ा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की बैठक भी ली।

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तोमर ने कहा कि भारत श्रेष्ठ और विश्व गुरू बने यही हमारा लक्ष्य है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इस यात्रा के हम ऐसे पड़ाव पर खड़े हैं, जहां हमारा परम लक्ष्य दिखाई दे रहा है। आज से दस साल पहले भारत की गिनती दुनिया में नहीं होती थी। चाहे जी-20 हो, यूएनओ हो सभी स्थानों पर भारत पीछे की लाइन में बैठा रहता था। लेकिन आज हमारी सरकार और प्रधानमंत्री मोदी के कृतित्व और व्यक्तित्व के कारण दुनिया के राजनीतिक मंच पर यह परिस्थिति बनी है कि दुनिया का कोई भी राजनीतिक मंच अपनी बैठक का एजेंडा तब तक तय नहीं कर पाता तब तक हिंदुस्तान हां नहीं कर देता। यह हमारी बढ़ती हुई ताकत का परिचायक है। दुनिया के कई देश हमारे आलोचक भी है, लेकिन इसके बावजूद भी जब अर्थशास्त्री विश्लेषण करते हैं तो उन्हें यह कहने को बाध्य होना पड़ता है कि आने वाले कल में तेजी के साथ आगे बढ़ने वाली कोई अर्थव्यवस्था का नाम है तो वह भारत है। यह हम लोगों के लिए गौरव की बात है।

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि भाजपा ने मोदी के नेतृत्व में लक्ष्य तय किया है कि 2047 तक भारत विकसित देश बन जाए, इसी लक्ष्य को लेकर भाजपा काम कर रही है। उन्होंने कहा कि जब 1951 में डॉ. मुखर्जी और पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने दल का गठन किया तो उस समय भारतीय जन संघ के पास 10-12 कार्यकर्ता हुआ करते थे। केंद्र से लेकर राज्य तक सब तरफ कांग्रेस की सरकार थी। इतनी बड़ी मजबूत सरकार के विरूद्ध पार्टी को खड़ा करना और उसको चुनौती देना तथा प्रतिकूलता में अपने विचार यात्रा के प्रभाव को खड़ा करना यह जिज्ञासा हमारे नेताओं ने रखी। इसलिए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा कि एक देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान नहीं रहेंगे।

तोमर ने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी जानते थे कि हमारे नेताओं ने जो स्वप्न देखा है जिसके लिए दल का गठन किया है, उस उद्देश्य की प्राप्ति होनी चाहिए। चाहे उसकी कितनी भी बड़ी कीमत चुकाना पड़े। राम मंदिर के विषय में लोग मजाक उड़ाया करते थे कि मंदिर वहीं बनाएंगे लेकिन तारीख नहीं बताएंगे। लेकिन हमको भी इंतजार था अनुकूलता का क्योंकि हम यह चाहते थे कि मंदिर का निर्माण भी हो और पूरे भारत में कील गिरने की आवाज भी नहीं आए। जब चारों तरफ विचार से आच्छादित हिंदुस्तान हो गया तो न्यायालय ने भी निर्णय दिया और राम मंदिर का शिलान्यास भी हो गया।

इस दौरान मंच पर मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम के उपाध्यक्ष रमेश खटीक, मध्यप्रदेश कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण वोर्ड के उपाध्यक्ष नरेंद्र बिरथरे, जसवंत जाटव, प्रहलाद भारती, सांसद केपी यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष नेहा यादव, नपाध्यक्ष गायत्री शर्मा, उपाध्यक्ष हेमंत ओझा मौजूद रहे। स्वागत भाषण जिलाध्यक्ष राजू बाथम ने दिया।

वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का किया सम्मान
बैठक के दौरान केन्द्रीय मंत्री तोमर ने पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का सम्मान किया। जिसमें बीके गुप्ता, मदन बिहारी श्रीवास्तव, रामगोपाल चौधरी, बलवीरसिंह चौहान, भरत अग्रवाल, विमल जैन, शंकरलाल रावत, प्रमोद जैन, जनवेद वर्मा, गुलाबसिंह धाकड़, अशोक मामा, भगवतसिंह आदि शामिल थे।

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