इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में शनिवार को फ्लड अलर्ट जारी किया गया। दरअसल शनिवार दोपहर झेलम नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पाकिस्तानी अधिकारियों को बिना कोई सूचना दिए भारत की ओर से पानी छोड़ा गया। चकोठी सीमा से मुजफ्फराबाद तक झेलम नदी के किनारे रहने वाले स्थानीय लोगों ने जल स्तर में तेज वृद्धि देखी, जिससे बाढ़ आने का खतरा पैदा हो गया। पाकिस्तान का दावा है कि बिना पूर्व सूचना के पानी छोड़ना भारत की चाल है और इस सप्ताह की शुरुआत में पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को स्थगित करने की एक कोशिश है। मुजफ्फराबाद में स्थानीय प्रशासन ने झेलम नदी के जल स्तर में अचानक वृद्धि की पुष्टि की। इसके चलते पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के हट्टियन बाला क्षेत्र में जल आपातकाल की घोषणा कर दी गई। हट्टियन बाला, गारी दुपट्टा, मझोई और मुजफ्फराबाद के स्थानीय लोगों ने जलस्तर बढ़ने की पुष्टि की।
लोगों ने बताया कि मस्जिदों में चेतावनी भरी घोषणाएं की गई, जिनमें झेलम नदी के किनारे रहने वाले स्थानीय लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया। घारी दुपट्टा के एक निवासी ने कहा, “चेतावनी भरी घोषणाओं ने नदी के किनारे रहने वाले निवासियों में दहशत पैदा कर दी।” रिपोर्ट के अनुसार, पानी भारत के अनंतनाग से चकोठी क्षेत्र के जरिए प्रवेश कर गया। राजनीतिक विश्लेषक जावेद सिद्दीकी ने कहा, “यह अप्रत्याशित था, लेकिन सिंधु जल संधि को स्थगित करने की भारत की हालिया धमकी के बाद ऐसा होना तय था।” विशेषज्ञों का कहना है कि इस्लामाबाद को सूचित किए बिना झेलम नदी में पानी खोलने के भारत के कदम से दोनों पड़ोसियों के बीच चल रहे तनाव में वृद्धि हो सकती है। सिद्दीकी ने कहा, “यह नहीं भूलना चाहिए कि सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) तीन युद्धों और पाकिस्तान तथा भारत के बीच कई क्षेत्रीय विवादों के बीच भी जारी रही। फिर भी, भारत अब लंबे समय से चले आ रहे इस समझौते से बाहर निकलने के लिए तैयार है।” इससे पहले दिन में, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पहलगाम घटना की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की पेशकश की। वहीं ईरान और सऊदी अरब ने तनाव कम करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की।