नई दिल्ली। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शनिवार को फोन पर बात की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की और पीड़ितों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि ऐसे आतंकी कृत्यों के लिए कोई भी औचित्य नहीं हो सकता और मानवता में विश्वास रखने वाले सभी देशों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की जनता के आक्रोश और दुख को साझा करते हुए कहा कि भारत आतंकवादी हमले के दोषियों और उनके समर्थकों के खिलाफ कठोर और निर्णायक कार्रवाई करेगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने आज ईरान के बंदर अब्बास में हुए विस्फोट में जान गंवाने वालों के प्रति भी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। इससे पहले इटली, फ्रांस, मिस्र, इजरायल, जॉर्डन, जापान समेत कई देशों के राष्ट्रध्यक्षों ने पीएम मोदी से फोन पर बात की है और पहलगाम आतंकी हमले पर दुख जताया है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात कर पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की। उन्होंने इस हमले को बर्बर और अमानवीय करार देते हुए भारत के लोगों और पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं। फोन पर हुई बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इस क्रॉस बॉर्डर आतंकवादी हमले की बर्बरता को साझा किया और जोर देते हुए कहा था कि भारत इस हमले के दोषियों और उनके आकाओं को न्याय के कटघरे में लाने के लिए प्रतिबद्ध है। दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग की आवश्यकता को दोहराया और इस लड़ाई में एक-दूसरे के साथ खड़े रहने का संकल्प लिया। इसके साथ ही जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने भी प्रधानमंत्री मोदी से फोन पर बात की थी। उन्होंने इस जघन्य आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने निर्दोष लोगों की मौत पर गहरी संवेदना व्यक्त की थी और कहा था कि आतंकवाद को उसके सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में खारिज किया जाना चाहिए और इसे किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता। वहीं, जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने भी प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया था और जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में लोगों की मौत पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की थी।