मुजफ्फरनगर। शहर के चर्चित उद्योगपति विशु तायल द्वारा एक ड्राइवर को कथित तौर पर बंधक बनाकर पिटवाने के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। यह मामला तब उभरकर आया जब पीड़ित ड्राइवर ने स्वयं रॉयल बुलेटिन को वीडियो बयान भेजकर दावा किया कि मुजफ्फरनगर पुलिस झूठ बोल रही है और उससे किसी भी प्रकार की बात नहीं हुई है। पीड़ित ने कहा है कि वह अपनी शिकायत वापस नहीं ले रहा, बल्कि उसे न्याय चाहिए।
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तीन दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें विशु तायल एक व्यक्ति को पिटवाते नजर आए। वीडियो में यह भी दिखा कि पीड़ित से लगभग 30 थप्पड़ मरवाए गए। जब पीड़ित ड्राइवर अपने आप को धीरे से थप्पड़ मार रहा था, तो विशु तायल के एक साथी ने उसे ‘सैंपल’ दिखाते हुए जोर से थप्पड़ मारा और कहा कि ऐसे मारना है। इस दौरान विशु तायल यह कहते नजर आए कि “अभी संतुष्टि नहीं हुई है।”
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इस घटना के बाद नई मंडी क्षेत्र की सीओ रूपाली राव ने मीडिया को बताया था कि वीडियो उनके संज्ञान में आया है और विधिक कार्रवाई की जाएगी। लेकिन जैसे ही मामला तूल पकड़ने लगा, मुजफ्फरनगर पुलिस ने शनिवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट जारी कर यह दावा किया कि वायरल वीडियो हरियाणा के करनाल में रिकॉर्ड हुआ था और पीड़ित व्यक्ति कानूनी कार्रवाई नहीं चाहता। साथ ही कहा गया कि पीड़ित कानपुर का निवासी है, इसलिए मुजफ्फरनगर पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई अपेक्षित नहीं है।
रॉयल बुलेटिन ने भी पुलिस के इस बयान के आधार पर खबर प्रकाशित की थी।
रविवार को पीड़ित मनोज ने रॉयल बुलेटिन को एक वीडियो भेजा, जिसमें उसने पुलिस के दावों को नकारते हुए कहा, “नमस्कार, मेरा नाम मनोज है और मैं कानपुर देहात का रहने वाला हूँ। मैं आप सभी से एक सच्चाई बताना चाहता हूँ जो मुजफ्फरनगर में हुई घटना से जुड़ी है। कुछ दिन पहले मुझे उद्योगपति विशु तायल और उनके साथियों —हर्ष गुप्ता, गोपाल आदि — ने जबरदस्ती बंधक बनाकर पीटा। उस पूरे अत्याचार का वीडियो भी आपके सामने है।
मुजफ्फरनगर पुलिस ने सोशल मीडिया पर जो बयान दिया है, उसमें कहा गया कि मैंने शिकायत वापस ले ली है या मैंने कोई शिकायत ही नहीं की। मैं पूरी तरह से इन बातों का खंडन करता हूँ। मैंने अपनी शिकायत कभी वापस नहीं ली है। मैं पुलिस से मिला भी नहीं हूँ। मुझे न तो कोई नोटिस मिला है और न ही कोई संपर्क किया गया है।
मैं इंसाफ चाहता हूँ। मेरी सुरक्षा हो और मुझे न्याय मिले। मैं अब भी उम्मीद करता हूँ कि मेरे साथ जो अन्याय हुआ है, उसकी सही जांच होगी और दोषी को सजा मिलेगी। मैं सभी से विनती करता हूँ कि इस मामले में मेरी मदद करें और सही न्याय दिलाने में मेरा साथ दें।
धन्यवाद।”
ड्राइवर मनोज के इस बयान से पूरा मामला एक बार फिर गरमा गया है और यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या मुजफ्फरनगर पुलिस उद्योगपति विशु तायल को बचाने की कोशिश कर रही है?
इसी बीच विशु तायल के नजदीकी सूत्रो का दावा है कि उन्होंने पुलिस को ढाई लाख रुपये दे दिए है उनका अब कुछ नहीं बिगड़ सकता ।
कुल मिलाकर इस पूरे प्रकरण ने प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यदि पीड़ित मनोज की बात सही है, तो पुलिस ने जो आधिकारिक बयान जारी किया, वह गलत प्रतीत होता है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि उच्चाधिकारी इस मामले को किस दिशा में ले जाते हैं और क्या उद्योगपति विशु तायल के खिलाफ कोई प्रभावी कार्रवाई होती है या क़ानून केवल ग़रीब के लिए होता है,पैसे वालों के लिए नहीं, की जनधारणा ही इस मामले में भी सही साबित होती है और विशु के नजदीकियों की बात ही सही साबित होती है ।