Thursday, May 8, 2025

जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी गोलाबारी के कारण सीमावर्ती गांवों में दहशत का माहौल, लोगों ने सुरक्षित स्थानों पर शरण ली

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में मंगलवार रात से पाकिस्तान की ओर से हो रही गोलाबारी के कारण स्थानीय लोगों में दहशत फैल गयी है और सीमावर्ती गांवों के कई निवासी अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर चले गये हैं।

 

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गोलीबारी देर रात शुरू हुई तथा भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई आतंकवादी ठिकानों पर हमले करने के बाद तक जारी रही। पुंछ सेक्टर पाकिस्तान की ओर से की गई भारी गोलीबारी में एक महिला और दो बच्चों समेत कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 45 अन्य घायल हो गए।

 

वर्ष 2021 के संघर्ष विराम समझौते के बाद से सीमा पार से सबसे भारी गोलाबारी की घटनाओं में से एक के कारण बारामूला और कुपवाड़ा जिलों के सीमावर्ती गांवों के कई निवासी अपने घरों से निकल कर सुरक्षित स्थानों पर चले गये या भूमिगत बंकरों में शरण ले ली।

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बारामूला के उरी सेक्टर के निवासी रफीक अहमद ने कहा, “जैसे ही हमने भारी धमाके सुने, मैंने अपने परिवार को एक भूमिगत बंकर में स्थानांतरित कर दिया। वर्ष 2021 के संघर्ष विराम के बाद से, यह हमारी सबसे खराब रात थी।”
प्रदेश के उरी सेक्टर में पाकिस्तानी गोलाबारी में पांच नागरिक घायल बताये गये हैं। कुपवाड़ा में भारी गोलाबारी ने करनाह में कई घरों को नुकसान पहुंचाया।
तंगधार के एक निवासी ने बताया कि गोले गिरने से चार घरों में आग लग गई।

 

 

 

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से तनाव बना हुआ है और जम्मू-कश्मीर में 744 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा के निकटवर्ती अधिकांश इलाकों में बार-बार संघर्ष विराम उल्लंघन की रिपोर्ट आ रही हैं।
बांदीपुरा में गुरेज सेक्टर में काफी हद तक शांति रही, लेकिन इलाके में डर का माहौल पहले से ही बना हुआ है।
गुरेज के एक निवासी ने फोन पर कहा, “फिलहाल शांति है, लेकिन हमें डर है। कई परिवार बांदीपुरा चले गए हैं।” बारामूला में सीमावर्ती गांवों से कुछ परिवारों को शहरी इलाके में सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

 

 

सीमा पर तनाव के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जमीनी हालात का जायजा लिया। उपराज्यपाल कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि सिन्हा ने सभी सीमावर्ती जिलों के डीसी सहित सभी वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस और जिला अधिकारियों के साथ जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती जिलों की स्थिति का जायजा लिया।

 

 

उन्होंने कहा, “मैं स्थिति पर करीब से नज़र रख रहा हूँ और सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। मैंने डीसी को निर्देश दिया है कि वे ग्रामीणों को संवेदनशील क्षेत्रों से सुरक्षित स्थानों पर ले जाएँ और उनके लिए भोजन, आवास, भोजन, चिकित्सा और परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित करें। हम हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। जय हिंद!”
अब्दुल्ला ने भी सीमा और नियंत्रण रेखा पर जमीनी हालात का आकलन किया।

 

 

 

मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा, “संभागीय आयुक्तों और डीसी को मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी गई है। नागरिकों की जान बचाने और सभी स्तरों पर समय पर प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है।”

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