नई दिल्ली। दिल्ली परिवहन विभाग ने एक महत्वपूर्ण आदेश में स्वच्छ ईंधन पर चलने वाली टैक्सियों का परमिट 15 साल तक बढ़ाने का फैसला किया है। इस फैसले से कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) व अन्य स्वच्छ ईंधन पर चलने वाली सभी टैक्सी चालकों को लाभ होगा। यह फैसला उन टैक्सी चालकों के लिए लिया गया है, जिनके पास कॉन्ट्रैक्ट कैरिज परमिट है।
आदेश के मुताबिक इनके परमिट की वैधता को 15 साल तक बढ़ाने का फैसला हुआ है। इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली सरकार के इस फैसले से दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हजारों टैक्सी मालिकों को राहत मिलेगी। आदेश में कहा गया है कि परमिट की वैधता में यह विस्तार मोटर वाहन अधिनियम, 1988, 1989 और 1993 में निर्धारित अन्य सभी निर्धारित शर्तों को पूरा करने वाले टैक्सियों पर लागू होगा।
मंगलवार को दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने इस विषय पर कहा कि ”दिल्ली सरकार हमेशा टैक्सी चालकों के साथ खड़ी रही है। इस कदम से हमारे सभी टैक्सी चालक भाइयों को मदद मिलेगी, जो अब 15 वर्षों तक अपने सीएनजी वाहनों को चला सकेंगे।”
दिल्ली सरकार के मुताबिक टैक्सियों के परमिट की वैधता बढ़ाने का निर्णय परिवहन विभाग द्वारा गहन अवलोकन के बाद आया है। परिवहन विभाग ने पाया कि दिल्ली-एनसीआर में अनुबंध कैरिज परमिट के तहत चलने वाली टैक्सियों की विभिन्न श्रेणियों के बीच परमिट की अवधि में असमानता है। अब तक, डीएल1आरटी के साथ सिटी टैक्सी योजना 2015 के तहत पंजीकृत टैक्सियों की परमिट वैधता केवल 8 वर्ष थी। इसके विपरीत, काली और पीली कैब, और अन्य श्रेणियों सहित अन्य सभी टैक्सियों की वैधता 15 वर्ष थी, जो कि मोटर वाहन अधिनियम, 1988 द्वारा परिभाषित वाहन की आयु के अनुरूप है।
सरकार ने इस विसंगति को दूर करते हुए सीएनजी या स्वच्छ ईंधन पर चलने वाली टैक्सियों के लिए परमिट की वैधता को 15 साल तक बढ़ाने का फैसला किया है। दिल्ली सरकार के इस कदम से पर्यावरण के अनुकूल परिवहन विकल्पों को बढ़ावा देने और शहर में प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिलेगी।
दिल्ली परिवहन विभाग ने टैक्सी मालिकों और ऑपरेटरों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि वे प्रासंगिक अधिनियमों और विनियमों में निर्दिष्ट अन्य सभी शर्तों को पूरा करें। विस्तारित परमिट वैधता को बनाए रखने के लिए इन निर्धारित आवश्यकताओं का पालन महत्वपूर्ण रहेगा।