नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 29-30 अक्टूबर तक आर्थिक संबंधों को बढ़ाने और 8वें फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (एफआईआई) में भाग लेने के लिए सऊदी अरब के दौरे पर जाएंगे। मंत्री गोयल रियाद के लुलु हाइपरमार्केट में दिवाली उत्सव का उद्घाटन भी करेंगे। इसके साथ ही वे भारतीय दूतावास में एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) दीवार का अनावरण भी करेंगे।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से सोमवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 29-30 अक्टूबर तक सऊदी अरब की यात्रा पर रहेंगे। गोयल के इस यात्रा का उद्देश्य भारत-सऊदी अरब रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करना तथा व्यापार, निवेश और आर्थिक सहयोग के नए रास्ते तलाशना है, जो भारत की बढ़ती वैश्विक आर्थिक उपस्थिति को रेखांकित करता है।
मंत्रालय के मुताबिक गोयल इस दौरान रियाद में फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (एफआईआई) के 8वें संस्करण में भाग लेंगे, जो एक महत्वपूर्ण मंच है और वैश्विक नेताओं, निवेशकों और नवोन्मेषकों को एक साथ लाता है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इस दौरान रियाद के लुलु हाइपरमार्केट में दिवाली उत्सव का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री भारतीय दूतावास में एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) दीवार का अनावरण करेंगे, जिससे वैश्विक स्तर पर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय शिल्प कौशल को बढ़ावा मिलेगा।
वाणिज्य मंत्री अपनी रियाद यात्रा के दौरान भारतीय मूल के चार्टर्ड अकाउंटेंट और विभिन्न क्षेत्रों से उभरते भारतीय प्रवासियों के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। इस यात्रा के दौरान गोयल प्रमुख वैश्विक निवेशकों के साथ बातचीत करेंगे। इन मुलाकातों का उद्देश्य निवेशकों का विश्वास मजबूत करना, निवेश प्रवाह को सुविधाजनक बनाना और मेक इन इंडिया पहल के साथ तालमेल बिठाते हुए भारत को एक पसंदीदा वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना है।
इसके अलावा वाणिज्य मंत्री ऊर्जा संक्रमण, डिजिटल परिवर्तन और व्यापार सुविधा में सहयोगात्मक प्रयासों पर चर्चा करने के लिए उद्योग और खनिज संसाधन मंत्री, निवेश मंत्री और ऊर्जा मंत्री सहित प्रमुख सऊदी मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। गोयल भारत-सऊदी रणनीतिक भागीदारी परिषद के तहत अर्थव्यवस्था और निवेश समिति की दूसरी मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता भी करेंगे, जिसमें कृषि, खाद्य सुरक्षा, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।