Tuesday, May 21, 2024

गैंगस्टर प्रवेश मान के भाई की हत्या में दिल्ली पुलिस के दरोगा की संदिग्ध भूमिका, जांच में जुटी पुलिस

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नोएडा। थाना सेक्टर-39 क्षेत्र के सेक्टर-104 में 19 जनवरी को गैंगस्टर प्रवेश मान के भाई सूरज मान की दिनदहाड़े हुई गोलियों से भूनकर हत्या के मामले में अब दिल्ली पुलिस के जवानों पर भी उंगलियां उठनी शुरू हो गई है। घटना के समय से ही यह बात चर्चा में थी कि मान अपने परिवार से नाता तोड़कर यहां पर गोपनीय तरीके से रह रहा था। तो इसकी सटीक जानकारी बदमाशों को कैसे हुई। हत्या के बाद पुलिस ने उसकी हत्या में नामित धीरज व मोनू को गिरफ्तार किया था, लेकिन सूरज मान की हत्या में शामिल दो शूटर दिल्ली पुलिस द्वारा नाटकीय ढंग से गिरफ्तार किए गए। इसके बाद से ही दिल्ली पुलिस के ऊपर सवालिया निशान लगा शुरू हो गया था।
नोएडा पुलिस के सूत्रों के अनुसार दिल्ली में तैनात एक उप निरीक्षक और कुछ पुलिसकर्मी कुख्यात गैंगस्टर कपिल मान से जुड़े हुए हैं। उन्होंने ही गैंगस्टर प्रवेश मान के भाई सूरज मान के मोबाइल फोन के आधार पर उसकी लोकेशन निकाली तथा बदमाशों को इसकी सटीक सूचना दी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार प्रवेश मान गैंग के लोग मोबाइल फोन का प्रयोग नहीं करते हैं। वे लोग वर्चुअल फोन के माध्यम से आपस में संपर्क करते हैं, लेकिन मृतक सूरज मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था, वहीं इसके लिए प्राण घातक साबित हुआ।
 

मालूम हो कि मृतक सूरज मान के बड़े भाई प्रवेश मान दिल्ली का गैंगस्टर है। प्रवेश  और कपिल मान के बीच पुरानी अदावत है ,जिसमें 5 से ज्यादा हत्याएं हो चुकी है। हत्याकांड में शामिल दो शूटर कुलदीप और अब्दुल कादिर को दिल्ली पुलिस ने 22 जनवरी को नाटकीय तरीके से मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था। इस घटना में शामिल कुछ शूटरों की पुलिस अभी भी तलाश कर रही है। नोएडा पुलिस को जांच में पता चला है कि इस घटना में दिल्ली पुलिस के एक दरोगा सहित कई लोग शामिल है। उक्त उपनिरीक्षक ने ही सूरज मान की लोकेशन के बारे में हत्यारों को इनपुट दिया था।
नोएडा के पुलिस उपायुक्त हरिश चंदर ने बताया कि दिल्ली पुलिस के कुछ कर्मचारियों के बारे में इनपुट मिला है। जिन्होंने सूरज मान की लोकेशन शूटरों को दी थी। वे कपिल मान गैंग से मिले हुए है। उनके अनुसार पुलिस इस एंगल से जांच कर रही है, तथा जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों को भी इस बाबत अवगत कराया गया है।

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पुलिस अधिकारियों के अनुसार इस हत्याकांड में मुकदमा दर्ज करवाने वाले रोमित मान ने पुलिस को उसी दिन बताया था कि उसे भी कपिल और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से खतरा है। वह निशाने पर था। यह गैंग मोबाइल नंबर से लोकेशन पता कर लेता है। इसलिए रोमित ने खुद मोबाइल रखना छोड़ दिया था। बताया जाता है कि इस गैंग के लोग मोबाइल फोन नहीं रखते हैं। वर्चुअल फोन पर ये लोग बातचीत करते हैं। रोमित मान को पहले पुलिस का गनर मिला था, लेकिन उसने उसे इसी डर से वापस कर दिया था कि पुलिस वाले ही उसकी मुखबारी कर हत्या करवा देंगे। लेकिन सूरज मान मोबाइल प्रयोग कर रहा था।

 

इसलिए मोबाइल नंबर से लोकेशन ट्रेस कर सूरज की रैकी की गई और उसके बाद हत्या की गई। बताया जाता है कि सूरज मान की हत्या करने के बाद तीनों शूटरों ने मुरादाबाद के अलावा बिजनौर में भी शरण ली थी। बताया जाता है कि बदमाशों ने सिग्नल एप के माध्यम से वार्तालाप की थी। सिग्नल एप एंड- टू- एंड और एनेडिक्रिप्टेड होती है। जिसका अर्थ है उन्हें केवल आपके इच्छित प्राप्तकर्ता ही पढ या सुन सकता है। सिग्नल एप तुरंत मैसेजिंग, वॉइस और वीडियो कॉल के लिए एक एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सेवा है।

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