न्यूयॉर्क। व्हाइट हाउस में यूएस प्रेसिडेंट और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच हुई तीखी बहस के बाद डोनाल्ड ट्रंप डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं के निशाने पर है। डेमोक्रेट्स आरोप लगा रहे हैं कि ट्रंप ने टकराव के दौरान व्लादिमीर पुतिन का पक्ष लिया। डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेट नेता चक शूमर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “ट्रंप और [उप राष्ट्रपति जेडी] वेंस, पुतिन का ‘गंदा काम’ कर रहे हैं। सीनेट डेमोक्रेट स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए लड़ना कभी बंद नहीं करेंगे।” पूर्व स्पीकर और डेमोक्रेटिक पार्टी की वरिष्ठ नेता नैन्सी पेलोसी ने ओवल ऑफिस टकराव को ‘शर्मनाक प्रदर्शन’ बताया। उन्होंने एक्स पर कहा, “पुतिन आज के नाटकीय प्रदर्शन से बहुत खुश होंगे।
“उन्होंने कहा कि जेलेंस्की के साथ ‘गरिमापूर्ण तरीके से’ बातचीत करना ‘संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के लिए शक्ति प्रदर्शन होता।’ सीनेट की विदेश संबंध समिति में डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता जीन शाहीन ने एक बयान में कहा, “रूस यूक्रेन की भावना और लड़ने की उसकी इच्छा को नहीं तोड़ पाया है। हमें यकीन है कि राष्ट्रपति ट्रंप का बचकाना गुस्सा भी उस लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएगा।” डेमोक्रेट गवर्नरों ने भी जेलेंस्की का समर्थन किया, जिन्होंने घोषणा की, “हम, लाखों अमेरिकियों के साथ, यूक्रेनी लोगों के साथ खड़े हैं।” डेमोक्रेटिक गवर्नर्स एसोसिएशन ने कहा, “अमेरिकियों को अपने देश और अपने लोगों की स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे राष्ट्रपति जेलेंस्की के काम को कमजोर करने की बजाय विश्व मंच पर हमारे मज़बूत लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए।” प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता हकीम जेफ्रीज ने कहा, “यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ आज व्हाइट हाउस में हुई बैठक भयावह थी और इससे क्रूर तानाशाह व्लादिमीर पुतिन का हौसला और बढ़ेगा।
“ज़ेलेंस्की ‘ओवल ऑफिस में गए और रूस के सबसे अच्छे वार्ताकारों के सामने खड़े हुए’, प्रतिनिधि एरिक स्वालवेल ने एक्स पर व्यंग्यात्मक ढंग से कहा। इससे पहले शुक्रवार को ओवल ऑफिस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उप-राष्ट्रपति जे.डी. वेंस के साथ राष्ट्रपति जेलेंस्की की मुलाकात एक शोरगुल वाली तीखी बहस में बदल गई। अमेरिकी नेताओं ने जेलेंस्की पर उनकी टिप्पणियों के लिए व्हाइट हाउस और अमेरिका का अनादर करने का आरोप लगाया। वहीं यूक्रेनी राष्ट्रपति ने उन पर आक्रमण का शिकार होने की हताशा को महसूस नहीं करने का आरोप लगाया। दोनों पक्षों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए। इस समझौते का उद्देश्य कीव के युद्ध प्रयासों में किए मदद के लिए यूक्रेन के दुर्लभ खनिज और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के भंडार पर अमेरिका का अधिकार स्थापित करना था।