गाजियाबाद। गाजियाबा में जमीन की कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है। कृषि भूमि के सर्किल रेट 10 फीसदी बढ़ाए गए हैं। आवासीय और व्यावसायिक समेत अन्य सभी मकान, दुकान, प्लाट और फ्लैट के रेट में 15 से 20 फीसदी की वृद्धि की गई है। बढ़ा हुआ सर्कल रेट लागू कर दिया गया।
एक महीने से ज्यादा समय से चल रही प्रशासनिक माथापच्ची के बाद डीएम सर्किल रेट जारी कर दिए गए। इसी के साथ गाजियाबाद में पहले से महंगी संपत्ति की कीमत और बढ़ गई है। नई दरें तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गईं। इसके बाद बैनामे नई दरों पर ही हुए।
कृषि भूमि के सर्किल रेट 10 फीसदी बढ़ाए गए हैं। आवासीय और व्यावसायिक समेत अन्य सभी मकान, दुकान, प्लाट और फ्लैट के रेट में 15 से 20 फीसदी की वृद्धि की गई है। इस वृद्धि दर में वेब सिटी और आदित्य वर्ल्ड सिटी को अपवाद कहा जा सकता है। यहां 20 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि की गई है।
प्रस्ताव इससे भी ज्यादा का किया गया था लेकिन आपत्ति आने पर कुछ राहत दे दी गई। इसके विपरीत कई इलाकों में कृषि भूमि की दरें प्रस्ताव के मुकाबले दोगुना करने के बाद लागू की गई हैं। यहां प्रस्ताव पांच फीसदी का था, जबकि जारी की गई दरों में 10 फीसदी कर दिया गया है। इन गांवों में जगजीवनपुर, नूरपुर और मोरटा शामिल हैं।
अर्बन होम्स, वेब सिटी और आदित्य वर्ल्ड सिटी में आवासीय भूखंड की दरें 17,300 से बढ़ाकर 50,000 प्रति वर्ग मीटर करने का प्रस्ताव था। इसमें राहत दी गई है। लागू की गईं दरों में वेव सिटी में 50,000 40,000 कर दिया गया है। आदित्य वर्ल्ड सिटी और अर्बन होम्स को 35,000 कर दिया गया है।
सर्किल रेट के प्रस्ताव में वेव सिटी के तहत आने वाले तीन गांव बयाना, काजीपुरा और नायफल को अर्धनगरीय क्षेत्र में रखा गया था। तीनों गांवों के किसानों ने इस पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी। एआईजी स्टांप ने बताया कि आपत्तियों के बाद बुधवार को तीनों गांवों को नगरीय क्षेत्र में शामिल कर लिया गया है।
नई दरें आने पर भी शहर में सबसे महंगी आवासीय जमीन कौशांबी की ही है। पिछले 10 साल से कौशांबी ही शहर का सबसे महंगा इलाका बना हुआ है। यहां एक वर्ग मीटर जमीन 97 हजार से एक लाख तीन हजार रुपये तक की है। यह अकेला क्षेत्र है जहां जमीन की कीमत एक लाख रुपये प्रति वर्ग मीटर से ज्यादा है।