देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 9 नवंबर को हुई 20 करोड़ से अधिक की डकैती मामले में दो संदिग्ध आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। दोनों की गिरफ्तारी बिहार से हुई है। गैंग के सदस्य ओएलएक्स से ज्यादातर घटना करने के लिए गाड़ियां खरीदते हैं। साथ ही गैंग के सदस्य ज्यादातर घटनाओं में पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल करते हैं।
बिहार में डकैतों ने ऑपरेशनल हाइड हाउस बना रखा था। डकैतों ने देहरादून में रिलायंस ज्वेलरी शो रूम में दिन दहाड़े डकैती डालकर हड़कंप मचा दिया था। दून पुलिस ने डकैती में शामिल आरोपियों को फंडिंग करने वाले संदिग्ध शातिर और षड्यंत्र में शामिल सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपियों सहित कई संदिग्ध दून पुलिस के रडार पर हैं। बिहार में दून पुलिस की पूछताछ जारी है। अलग-अलग टीमों की मध्य प्रदेश और बिहार में ताबड़तोड़ दबिश भी जारी है।
पुलिस को इस डकैती से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। कटनी, लातूर और सांगली में भी हुई इसी प्रकार की घटनाओं की जानकारी के लिए गई टीमों द्वारा घटनाओं की जानकारी में पाया कि गैंग द्वारा बेहद शातिराना तरीके से घटनाओं का अंजाम दिया जाता था। उनके द्वारा घटना करने के दौरान पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल किया जाता था। जिससे मौके पर कोई सेंसर ट्रिगर ना हो पाए और ना ही कोई फोन कॉल हो पाए।
कटनी (मध्य प्रदेश) और सांगली (पश्चिम बंगाल) की घटनाओं में भी आरोपियों द्वारा पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल किया जाना सामने में आया है। बिहार के वैशाली में दून पुलिस को आरोपियों के ऑपरेशन सीक्रेट हाइडआउट के बारे में जानकारी मिली थी। देहरादून में हुई डकैती की घटना के शामिल डकैतों द्वारा भी यहीं से कंट्रोल किया जा रहा था। डकैती की घटना को अंजाम देने से पहले डकैत एक स्थान पर इकट्ठा होते थे। वहीं से अपने टास्क के लिए रवाना होते थे।
टास्क पूरा करने के बाद आरोपी दोबारा उसी पूर्व निर्धारित कंट्रोल हाइड आउट हाउस में ही मिलते थे। उसके बाद आगे की रणनीति तय करते थे। पुलिस द्वारा बिहार के वैशाली में हाइड आउट हाउस में दबिश देकर देहरादून की घटना में शामिल आरोपियों के महत्वपूर्ण सबूत बरामद किये गये हैं। इसी सीक्रेट हाइड आउट हाउस में टास्क देने के साथ-साथ गैंग के सदस्यों को हथियार, पैसे और गाड़ियों की जानकारी, सिमकार्ड और मोबाइल, कपड़े सभी सामान उपलब्ध कराये जाते थे।
आरोपियों को की जाने वाली फंडिंग के संबंध में भी महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी हैं। जिसमें गैंग के सरगना द्वारा जेल के अंदर से ही आरोपियों को घटना के दौरान पैसे ट्रांसफर करवाए जाते थे। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि देहरादून की डकैती से पहले भी घटना में शामिल आरोपियों के खातों में पैसों का ट्रांजेक्शन होना पाया गया है। आरोपियों द्वारा हरिद्वार के गेस्ट हाउस में रुकने के दौरान जो कपड़े घटना के दौरान पहने गए थे, वह कपड़े हरिद्वार से जाकर नजीबाबाद के एक स्टोर से खरीदे जाने की जानकारी मिली है। नजीबाबाद से भी पुलिस टीम को आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत मिले हैं।
साथ ही अंबाला में गिरफ्तार आरोपी रोहित जो वेस्ट बंगाल की घटना में शामिल आरोपियों को फंडिंग कर रहा था, वही कनेक्शन बिहार में दून पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपी अमृत के मोबाइल से बरामद हुआ है। साथ ही विशाल कुमार को भी लॉजिस्टिक सपोर्ट मुहैया कराने और घटना के सबूत जैसे आरोपियों द्वारा घटना के दौरान पहने कपड़े, टोपी आदि के साथ षड्यंत्र में शामिल होने पर गिरफ्तार किया गया है। आरोपी विशाल गैंग के सदस्यों को वर्चुअल फोन प्रोवाइड करवाता था। जिससे गैंग के सदस्यों का लोकेशन ट्रेस करना काफी मुश्किल था।