Saturday, November 23, 2024

उत्तर प्रदेश में लू एवं हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ेगा, बरतें सावधानी,लापरवाही बन सकती है जानलेवा

कानपुर। इस सप्ताह 40 से 43 डिग्री से अधिक तापमान रहने की उम्मीद है। ऐसे मौसम में लू चलने एवं हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ता है। इसलिए जन सामान्य से अपील है कि सावधानी के साथ घर से बाहर निकलें, वरना लापरवाही जानलेवा बन सकती है।

चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के मौसम वैज्ञानिक डॉ.एस.एन.सुनील पांडेय ने शुक्रवार को बताया कि अब गर्मी का मौसम अपना जोर पकड़ रहा है। कानपुर मंडल समेत उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में इस हफ्ते तापमान 40-43 से भी अधिक रहेगा।

उन्होंने बताया कि भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक जब मैदानी इलाकों का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक और पहाड़ी क्षेत्रों का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है तो लू अथवा हीट वेव की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। वहीं अगर तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है, तो हीटवेव की खतरनाक स्थिति पैदा होती है। हीट वेव को सामान्य भाषा में लू कहा जाता है। लू की स्थिति में हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन का खतरा भी बढ़ता है। ऐसे में कुछ सावधानियां बरतना बहुत जरूरी है, वरना आपके लिए समस्या बढ़ सकती है।

जाने लू से किन लोगों को अधिक खतरा

मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि हीट वेव किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है, लेकिन जिनकी इम्यूनिटी (शरीर की प्रतिरोधक क्षमता) कमजोर है जैसे बुजुर्ग, बच्चे, बीमार लोग आदि को विशेष रूप से सावधानी रखनी चाहिए। इसके अतिरिक्त गर्भवती महिलाएं, मजदूर, किसान जो खेती का कार्य या जो लोग फील्ड वर्क करते हैं, उनको भी हीट वेव के दौरान विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

जाने लू लगने से हो सकती हैं ये समस्याएं

डॉ.पांडेय ने बताया कि लू की चपेट में आकर कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। यहां जानिए वो लक्षण जो लू की चपेट में आने का संकेत देते हैं-डायरिया की समस्या, चक्कर, सिर में दर्द, कमजोरी, शरीर में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, बहुत ज्यादा पसीना आना आदि। वहां स्थिति गंभीर होने पर तेज बुखार, शरीर से पसीना निकलना बंद हो जाना, दिल की धड़कन तेज हो जाना, कंफ्यूजन, असंतुलन और दौरे की स्थिति, त्वचा पर चकत्ते, बेहोशी आदि।

बचाव के लिए क्या करें

लू से बचाव के लिए ज्यादा से ज्यादा पानी और लिक्विड डाइट जैसे छाछ,लस्सी,कच्चा आम का पना, शिकंजी,नारियल पानी वगैरह लें। ज्यादा तेल, मसाला और गरिष्ठ भोजन व बाहर खाने से बचें।

ढीले और कॉटन के कपड़े पहनें, तेज धूप में निकलने से बचें और अगर निकलना बहुत जरूरी हो तो शरीर को अच्छी तरह कवर करके और घर से पानी पीने के बाद निकलें। पानी या शिकंजी को अपने साथ रखें। धूप में छाते का इस्तेमाल करें। धूप से आकर तुरंत पानी या कुछ ठंडा न लें। फ्रिज के ठंडे पानी की जगह मटके का पानी पीएं। समस्या ज्यादा बढ़ जाए तो लापरवाही न करें, विशेषज्ञ से परामर्श करें।

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