Friday, November 22, 2024

संघ की पहली पसंद संजय जोशी, बनाए जा सकते है भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष

नई दिल्ली। संजय जोशी का नाम भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए अच्छे दावेदार माने जा रहे है। संजय जोशी लंबे समय से भाजपा और RSS के साथ जुड़े हुए हैं और उन्होंने संगठन के लिए कई महत्वपूर्ण भूमिकाएँ निभाई हैं।

 

अगर उन्हें भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाता है, तो यह भाजपा और संघ के बीच गहरे संबंधों को और भी मज़बूत करेगा। उनके नाम पर चर्चा होने का अर्थ यह भी है कि भाजपा आने वाले चुनावों और संगठनात्मक रणनीतियों को ध्यान में रखते हुए नेतृत्व में बदलाव कर सकती है।

कौन है संजय जोशी

संजय जोशी की राजनीतिक यात्रा भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के बीच गहरे संबंध बताए जाते है। उनका सादा जीवन और संघ में उनकी भूमिका ने उन्हें एक समर्पित और अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में पहचान दिलाई है। उनकी शिक्षा मैकेनिकल इंजीनियरिंग में है, और शुरुआती करियर में वह इंजीनियरिंग के छात्रों को पढ़ाते थे। इसके बाद उन्होंने संघ से जुड़कर अपना जीवन संगठन को समर्पित कर दिया।

1988 में, संजय जोशी पहली बार सुर्खियों में आए, जब उन्हें RSS ने गुजरात में BJP की इकाई को मजबूत करने के लिए भेजा। उस समय नरेंद्र मोदी भी गुजरात में महासचिव के रूप में कार्यरत थे। दोनों नेताओं का संगठन में एक साथ काम करना शुरू हुआ, लेकिन 1995 में शंकर सिंह वाघेला के विद्रोह के बाद उनके संबंधों में खटास आई। यह खींचतान 2001 तक जारी रही, जब नरेंद्र मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया, और संजय जोशी को दिल्ली भेजा गया, जहां उन्होंने पार्टी के संगठन महासचिव की जिम्मेदारी संभाली।

हालांकि, 2005 में एक फर्जी सीडी कांड के चलते संजय जोशी को BJP से किनारे कर दिया गया और वह करीब 6 साल तक राजनीतिक वनवास में रहे। बाद में नितिन गडकरी के अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें पार्टी में वापस लाया गया और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाया गया। इस वापसी के बावजूद, नरेंद्र मोदी और संजय जोशी के बीच टकराव जारी रहा, जिसके कारण जोशी को 2012 में पार्टी से इस्तीफा देना पड़ा।

अब, संजय जोशी एक बार फिर से सक्रिय हैं और उनकी वापसी ने भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए अटकलें तेज कर दी हैं। RSS के समर्थन के साथ, अगर वह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते हैं, तो यह भाजपा के भीतर शक्ति संतुलन और संगठनात्मक ढांचे में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।

संजय जोशी हो सकते है राष्ट्रीय अध्यक्ष

बताया जाता है कि संजय जोशी ही भारतीय जनता पार्टी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। जेपी नड्डा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम प्रस्तावित किया। बैठक में तय किया गया कि हरियाणा तथा जम्मू-कश्मीर के चुनाव नतीजे आने के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी जाएगी। जेपी नडडा ने (RSS) की समन्वय बैठक में दावा किया है कि अगली सरकार भाजपा की बनेगी। खबर तो यह भी है कि बैठक में जेपी नडडा ने यहंा तक बोल दिया कि हरियाणा में चुनाव के नतीजे चाहें जो कुछ भी हों किन्तु हरियाणा में सरकार तो भाजपा की ही बनेगी। (RSS) ने हरियाणा चुनाव के नतीजे आने तक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के फैसले को स्थगित कर दिया है।

इन नामों पर चर्चा तेज

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर चर्चा में कई नाम सामने आ रहे हैं, जो पार्टी के भीतर और बाहर महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। यदि संजय जोशी को RSS की प्राथमिकता के बावजूद अध्यक्ष पद नहीं मिल पाता, तो कुछ अन्य संभावित उम्मीदवारों के नाम महत्वपूर्ण हो सकते हैं। यहां उन प्रमुख नामों की चर्चा की जा रही है:

  1. देवेंद्र फडणवीस: पूर्व महाराष्ट्र मुख्यमंत्री और संघ पृष्ठभूमि के नेता देवेंद्र फडणवीस का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। संगठन और सरकार दोनों को चलाने का उनका अनुभव उन्हें एक सशक्त दावेदार बनाता है। महाराष्ट्र में नए राजनीतिक समीकरणों के चलते, उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में मौका देने की चर्चा हो रही है।
  2. विनोद तावड़े: संघ से जुड़े विनोद तावड़े, महाराष्ट्र में संगठनात्मक और मराठा राजनीति में पकड़ रखते हैं। पार्टी उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर एक खास राजनीतिक संदेश दे सकती है, खासकर मराठा और महाराष्ट्र के संदर्भ में।
  3. सुनील बंसल: उत्तर प्रदेश में BJP को लगातार सफल चुनावी जीत दिलाने वाले सुनील बंसल भी एक प्रमुख दावेदार हैं। राजस्थान से संबंध रखने वाले बंसल का संगठन कौशल उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए एक मजबूत विकल्प बनाता है।
  4. के. लक्ष्मण: तेलंगाना के ओबीसी नेता के. लक्ष्मण, दक्षिण भारत और ओबीसी समुदाय पर पकड़ के कारण चर्चा में हैं। यदि पार्टी दक्षिण में अपना आधार मजबूत करना चाहती है, तो लक्ष्मण का नाम एक उपयुक्त विकल्प हो सकता है।
  5. अनुराग ठाकुर: केंद्रीय मंत्री रहे अनुराग ठाकुर का नाम भी संभावित अध्यक्षों की सूची में शामिल है। युवाओं में उनकी लोकप्रियता को देखते हुए, पार्टी उन्हें युवाओं को आकर्षित करने के लिए आगे ला सकती है।
  6. ओम माथुर और नरेंद्र सिंह तोमर: ये दोनों नेता पार्टी में संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, माथुर की उम्र और तोमर के राज्य की राजनीति में सक्रियता के कारण उनके अध्यक्ष बनने को लेकर सवाल उठ सकते हैं।
  7. बी.एल. संतोष, सौदान सिंह, और शिवप्रकाश: ये तीनों संघ के प्रचारक हैं और पार्टी में संगठन महामंत्री या सह-संगठन मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं। हालांकि, इनका संघ से प्रतिनियुक्ति पर होना अध्यक्ष पद के लिए उनकी संभावनाओं को सीमित कर सकता है।
  8. महिला उम्मीदवार: यदि BJP महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष की दिशा में कदम बढ़ाती है, तो डी. पुरुंदेश्वरी, सुधा यादव, वनिथि श्रीनिवाससन, और सरोज पांडेय के नाम संभावित उम्मीदवारों के रूप में उभर सकते हैं।

इन नामों के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा किसे राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर आगे की राजनीति और चुनावी रणनीति तैयार करती है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय