Friday, December 27, 2024

अधिकारियों को सरकारी निर्देश के उल्लंघन की दी ‘सलाह’, संजय राउत पर हुई FIR

मुंबई। नासिक पुलिस ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की ‘असंवैधानिक’ सरकार के आदेशों की अनदेखी करने की पुलिस और सरकारी अधिकारियों को सलाह देने के लिए शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। राउत ने मूल शिवसेना के जून 2022 के विभाजन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुक्रवार को यह टिप्पणी की थी। विभाजन के फलस्वरूप उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई थी।

राउत ने कहा था, इस पहलू पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला बहुत स्पष्ट है। इस ‘अवैध’ सरकार को तीन महीने के भीतर जाना होगा। हम 16 विधायकों की अयोग्यता पर स्पीकर के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, शीर्ष अदालत के फैसले ने पूरी सरकार को ‘असंवैधानिक’ घोषित कर दिया है, इसलिए अब बाकी 24 विधायक भी अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे.. मैं सरकारी अधिकारियों और पुलिस से इस ‘असंवैधानिक’ शासन के किसी भी आदेश का पालन नहीं करने का आह्वान करता हूं, अन्यथा बाद में उनको भी इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।’

एक शिकायत का संज्ञान लेते हुए, नासिक में मुंबई नाका पुलिस स्टेशन ने भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (1) (बी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

घटनाक्रम और एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए राउत ने सोमवार को अपने बयानों को दोहराया और कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा है, और मुख्यमंत्री तथा उप मुख्यमंत्री पर नासिक पुलिस पर प्राथमिकी दर्ज करने का दबाव बनाने का आरोप लगाया।

राउत ने मीडिया कर्मियों से कहा, मैंने केवल इतना कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, मुझे लगता है कि यह सरकार असंवैधानिक है .. इसलिए, यदि सरकारी अधिकारी इस सरकार के आदेश का पालन करते हैं, तो यह अवैध होगा और वे भविष्य में कार्रवाई के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं।

राउत ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, महाराष्ट्र में लोकतंत्र और स्वतंत्रता बुरी तरह प्रभावित हुई है और सत्तावादी प्रवृत्ति से लड़ना होगा। उन्होंने पूछा मेरा अपराध क्या है, और बताया कि किस तरह सरकार के ‘गठन’ को अवैध घोषित किया गया है, व्हिप से लेकर समूह के नेता के रूप में शिंदे के चुनाव तक, सब कुछ संविधान के खिलाफ तय किया गया।

उन्होंने कहा कि शिंदे सहित 16 विधायकों के किसी भी समय अयोग्य घोषित किए जाने की संभावना है और इसलिए प्रशासन को अवैध सरकार के आदेशों का पालन नहीं करना चाहिए।

राउत ने कहा, मैंने राय व्यक्त की कि भविष्य में मामले दर्ज किए जाएंगे। क्या यह अपराध है? सरकार ने सीधे मामला दर्ज किया है.. मैं कार्रवाई से डरने वाला नहीं हूं। महाराष्ट्र में लोकतंत्र और आजादी बकवास हो गई है।

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