नयी दिल्ली। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कहा कि नागरिक उड्डयन के क्षेत्र में पिछले 65 वर्षों में जो हासिल नहीं हुआ वह पिछले नौ वर्षों में 148 हवाईअड्डे, वाटरड्रोम और हेलिपोर्ट बनाकर पूरा कर लिया गया है तथा अगले तीन से चार सालों के भीतर 200 एयरपोर्ट बनाने के लक्ष्य रखा गया है।
सिंधिया ने आज यहां पहली दिल्ली-धर्मशाला-दिल्ली इंडिगो उड़ान का शुभारंभ किया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय अगले तीन से चार वर्षों के भीतर 200 एयरपोर्ट बनाने के लक्ष्य की दिशा में काम कर रहा है। यह प्रयास बड़े मेट्रो हवाई अड्डों के साथ-साथ दूर-दराज के हवाई अड्डों को भी उतना ही महत्व देगा, जो अंतिम छोर तक संपर्क मुहैया कराते हैं।
धर्मशाला हवाई अड्डे के विस्तार के संबंध में उन्होंने कहा कि उनका मंत्रालय पहले से ही इसके लिए दो चरण की योजना पर काम कर रहा है। पहले चरण में वर्तमान रनवे को 1900 मीटर तक लंबा करना शामिल है ताकि लोड पेनल्टी के साथ टर्बोप्रॉप विमान को बिना किसी पेनाल्टी के चलने में सक्षम बनाया जा सके। दूसरे चरण में हवाईअड्डे पर बोइंग 737 और एयरबस ए320 को उतारने के विजन को साकार करने के लिए रनवे को 3110 मीटर तक और लंबा करना शामिल होगा।
उन्होंने कहा कि शिमला हवाई अड्डे पर रनवे की मरम्मत का काम पूरा हो गया है और मंडी में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के लिए जगह की मंजूरी दे दी गयी है। उन्होंने दोहराया कि उनका मंत्रालय राज्य में नागरिक उड्डयन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “ नागरिक उड्डयन क्षेत्र में पूर्ण लोकतंत्रीकरण आया है और जो लोग केवल विमान को उड़ते हुए देख सकते थे, वे आज इसमें उड़ान भर रहे हैं।”
हिमाचल प्रदेश में नागरिक उड्डयन मंत्रालय की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि कनेक्टिविटी 2013-14 में प्रति सप्ताह 40 विमान से बढ़कर 110 विमान हो गई है, जो पिछले नौ वर्षों में 175 फीसदी की वृद्धि है। विशेष रूप से धर्मशाला में इस अवधि में हवाई यातायात की संख्या में 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2013-14 में प्रति सप्ताह 28 उड़ान की तुलना में बढ़कर आज 50 हो गयी है।