हरिद्वार। उप जिलाधिकारी अजयवीर सिंह और खण्ड विकास अधिकारी ने संयुक्त रूप से छह गांवों में तालाब पर हुए अतिक्रमण का स्थलीय निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि वर्षा ऋतु में विभिन्न क्षेत्रों में पानी की निकासी आसानी से हो ताकि जलभराव की स्थिति उत्पन्न न हो और वर्षा जल का संग्रहण किया जा सके। इसलिए गांव बोडाहेड़ी, अहमदपुर ग्रंट, रणसुरा, जियापोता, गाडोवाली, जमालपुर कलां में तालाबों का स्थलीय निरीक्षण किया।
उन्होंने बताया कि तालाब स्थानीय स्तर पर जल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे वर्षा जल को संचित करके भूजल स्तर को बनाए रखते हैं। इनके पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता है, जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि होती है और किसान की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है। इसके साथ ही तालाब जैव विविधता को बढ़ावा देते हैं। वे विभिन्न प्रकार के पौधों, मछलियों, पक्षियों और अन्य जीवों के लिए आवास प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि तालाब स्थानीय जलवायु को ठंडा रखते हैं और आसपास के वातावरण में नमी बढ़ाते हैं, जिससे सूखे और गर्म मौसम में भी राहत मिलती है।
उन्होंने बताया कि तालाब न केवल जल संसाधनों के संरक्षण और प्रबंधन में महत्वपूर्ण हैं बल्कि पर्यावरणीय संतुलन, कृषि, और सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन में भी अहम भूमिका निभाते हैं। इसलिए तालाबों का निरीक्षण करते हुए कुछ तालाबों की जलभरण क्षमता को बढ़ाने के लिए तालाबों की खुदाई कराई जाएगी और जिन तालाबों पर अतिक्रमण है उन्हें अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।