मेरठ। मेरठ महायोजना 2031 को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई। महायोजना में शामिल कस्बों को भी औद्योगिक क्षेत्र में शामिल किया गया है। इससे मेरठ में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। महायोजना से 2000 करोड़ रुपए का निवेश जमीन पर उतरेगा।
मेरठ विकास प्राधिकरण की 124वीं बोर्ड बैठक में आखिरकार मा योजना 2031 को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई। बोर्ड में दिए गए सुझाव को महायोजना में शामिल करते हुए आगे शासन को भेजा जाएगा, जहां से पास होने के बाद यह लागू होगी। महायोजना में निवेश को प्राथमिकता दी गई है। अफसरों का दावा है कि महा योजना से 2000 करोड़ रुपए का निवेश जमीन पर उतरेगा।
मेरठ महायोजना 2031 वर्ष 2021 की महायोजना की तुलना में दोगनी है। पिछली महायोजना में जहां क्षेत्रफल 500 वर्ग किलोमीटर के करीब था तो वहीं इस बार ही है 1043 वर्ग किलोमीटर की हो गई है। इसमें औद्योगिक क्षेत्र में 75 फीसदी का इजाफा किया गया है। कमिश्नरी सभागार में कोई बोर्ड बैठक में अध्यक्षता करते हुए कमिश्नर सेल्वा कुमारी जै ने कुछ सुझाव दिए और कुछ मामलों में बनाने के लिए निर्देश दिए।
बोर्ड बैठक के बाद प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडे ने बताया कि करीब तीन साल बाद आखिरकार सैद्धांतिक मंजूरी बोर्ड ने दे दी है। उन्होंने बताया कि निवेश के लिहाज से करीब 2000 करोड रुपए के प्रस्ताव जमीन पर उतरेंगे।
उपाध्यक्ष ने बताया कि इन्वेस्टर समिति के तहत करीब 500 एमओयू साइन किए गए थे, जिनमे जमीन विस्तारीकरण संभव है। इन्हें महायोजना में चिह्नित किया गया है। इसके अलावा निर्मित क्षेत्र में प्रभाव शुल्क नहीं लिया जाएगा। बोर्ड बैठक में से मंजूरी दे दी गई है।
सरधना, लावड़, बहसूमा, हस्तिनापुर नगर पंचायतों को जोड़ने वाली 36 मीटर सड़क को 45 मीटर करने का भी प्रस्ताव पारित किया गया। बोर्ड बैठक में नगरीय कृषि भूमि को भी समाप्त करने का प्लान लिया गया।