नई दिल्ली। किसानों के शुक्रवार को होने वाले दिल्ली मार्च से पहले, शंभू सीमा पर एनएच-44 पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके अलावा, हरियाणा और पंजाब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए तैयारी पूरी कर ली है।
अपनी मांगों को लेकर 101 किसान शुक्रवार को दिल्ली की ओर मार्च करने की तैयारी कर रहे हैं। गुरुवार को हरियाणा पुलिस ने सीमा के पास बैरिकेडिंग बढ़ाई। पहले से तैयार सात-परत सुरक्षा सेटअप में तीन नई परतें जोड़ी गईं, जिसमें दीवारें, लोहे की कीलें, कांटेदार तार, जाल आदि शामिल हैं। भारतीय किसान यूनियन-एकता और हरियाणा की अन्य यूनियनें, अपनी मांगों को लेकर किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले दिल्ली की ओर बढ़ेंगे।
शंभू सीमा पर पंजाब के तरनतारन, अमृतसर, फिरोजपुर, बठिंडा, संगरूर और पटियाला जैसे जिलों के साथ-साथ हरियाणा के अंबाला और सिरसा जिलों से भी किसानों का आना जारी है। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने गुरुवार को कहा कि किसानों के मुद्दों का समाधान बातचीत से ही संभव है, और उन्हें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से बातचीत करनी चाहिए।
पासवान धरना स्थल पर बैठे किसानों से मिलने पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर भी पहुंचे थे। बाद में पासवान ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “किसी और सरकार ने किसानों के लिए उतना काम नहीं किया जितना मोदी सरकार ने किया है। हमने हर क्षेत्र में उनकी मदद की है।” उन्होंने कहा, “मैं किसानों से आग्रह करूंगा कि हमारे कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से आप अपने किसी भी मुद्दे को लेकर बातचीत कर सकते हैं। वो किसानों से जुड़े हर प्रकार की चर्चा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं।
“पासवान ने कहा, “अन्य लोगों को परेशान करने वाले विरोध प्रदर्शनों से कोई मदद नहीं मिलेगी। किसानों के मुद्दों का समाधान केवल बातचीत के जरिए ही किया जा सकता है।” इस बीच, शंभू बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने दावा किया कि किसान दिल्ली की ओर बढ़ेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले एकत्र हुए किसानों ने पहले राष्ट्रीय राजधानी तक पैदल मार्च करने की घोषणा की थी।
उनकी कई मांगें हैं, जिनमें फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी भी शामिल है। शुक्रवार को शंभू सीमा विरोध स्थल पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि 101 किसानों का एक ‘जत्था’ दोपहर 1 बजे दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू करेगा। हालांकि, अंबाला जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है, जिसमें जिले में पांच या उससे अधिक लोगों की किसी भी गैरकानूनी सभा पर प्रतिबंध लगाया गया है।
आदेश के अनुसार, अगले आदेश तक पैदल, वाहन या अन्य साधनों से कोई भी जुलूस निकालने पर रोक लगा दी गई है। किसानों के दिल्ली मार्च की योजना को लेकर अंबाला में पुलिस ने गुरुवार को अलर्ट जारी किया और सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को सीमा पर भेजा। हरियाणा सीमा पर मल्टी-लेयर बैरिकेडिंग के साथ केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है।