नयी दिल्ली- संसद के शीतकालीन सत्र के पहले सरकार ने शनिवार को विपक्षी दलों के नेताओं से कहा कि वे जिस किसी मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं, उस पर नियमानुसार स्वीकृति लें और सदन में रचनात्मक बहस के लिए अनुकूल वातावरण बनाए रखें।
संसद के पुस्तकालय भवन में आज दोपहर हुई इस बैठक की अध्यक्षता लोकसभा में उपनेता एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की तथा इसमें 23 दलों के 30 से अधिक नेता शामिल हुए।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘चार दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होगा। कुल 15 बैठकें होंगी। हमने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। बैठक में 23 पार्टियां और 30 नेता शामिल हुए। कई सुझाव आए हैं। अल्पकालिक चर्चा, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और शून्य काल चलाने की बात आयी। हमने कहा कि दोनों सदनों में शून्यकाल नियमित रूप से होता रहा है। अल्पकालिक चर्चा के लिए नियम होते हैं। अध्यक्ष की अनुमति से ये चर्चा होती है। हमने अनुरोध किया कि संरचित बहस के लिए माहौल बनाए रखा जाना चाहिए। चर्चा नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि हम पिछले सत्र में भी मणिपुर पर बहस के लिए तैयार थे। राज्यसभा में तो प्रस्ताव भी स्वीकृत हो गया था। अभी भी सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। सरकार संरचित बहस के लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने कहा कि यह 17 वीं लोकसभा का आखिरी सत्र है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमें जो भी सफलता और उपलब्धि मिली है, हम भी उस पर चर्चा करना चाहते हैं।