नई दिल्ली | अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली सरकार में सर्विसिस विभाग के सचिव आशीष मोरे को हटा दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में अब बहुत बड़ा प्रशासनिक फेरबदल होगा। मुख्यमंत्री के मुताबिक कुछ अधिकारी ऐसे हैं, जिन्होंने पिछले डेढ़ साल में जनता के काम रोके, मोहल्ला क्लीनिक की दवाइयां, टेस्ट और दिल्ली जल बोर्ड का पैसा रोका। ऐसे अधिकारियों को उनके कुकर्मों का फल भुगतना पड़ेगा। ईमानदार अधिकारियों और कर्मचारियों को मौका दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्विसिस आने से नई पोस्ट क्रिएट कर सकते हैं और पुरानी पोस्ट को हम खत्म कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एंटी करप्शन ब्यूरो अभी हमारे पास नहीं है, लेकिन विजिलेंस हमारे पास आ गया है, ऐसे में अब अगर कोई भ्रष्टाचार करता है, गलत काम करता तो हम विजिलेंस कार्रवाई कर सकते हैं।
मंत्री का कहना है कि सारी कठिनाइयों के बावजूद दिल्ली के लिए इतना काम किया, सोचिए अगर ये कठिनाइयां न होती तो कितना काम करते। सीएम केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ को धन्यवाद दिया। इसके साथ ही सीएम ने कहा कि दिल्ली में अब 10 गुना स्पीड से काम होगा। सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐताहासिक है, दिल्ली की जनता के साथ न्याय हुआ है।
इस निर्णय के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 23 मई 2015 को केंद्र सरकार ने आदेश पारित करवाया कि सर्विसेज के मामले मुख्यमंत्री के पास नहीं बल्कि उपराज्यपाल के पास रहेंगे। सीएम ने कहा यानी मैं अगर किसी को रिश्वत लेते पकड़ता तो कार्रवाई नहीं कर सकता था। इसके अलावा जानबूझ कर ऐसे स्कूल जिनको को वल्र्ड क्लास बनाया, केंद्र ने उनका काम रोक दिया। मोहल्ला क्लीनिक का काम रोक दिया, लेकिन सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं। सीएम ने केंद्र सरकार से कहा कि दिल्ली के साथ दुर्भावना की राजनीति बंद कीजिए।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्णय दिए जाने के बाद मुख्यमंत्री का कहना था कि जैसे शिक्षा-स्वास्थ्य का मॉडल दिया, वैसे ई गवर्नेंस और एडमिनिस्ट्रेशन का मॉडल देंगे। कई पदों पर अफसर बैठकर अड़चनें ही लगाते हैं, उन्हें हटाकर-जहां ज्यादा जरूरत है, वहां और पोस्ट बनाएंगे।
साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री पिता समान होते हैं-उनकी जि़म्मेदारी है कि सारे बच्चों का पालन पोषण करें। आज सुप्रीम कोर्ट ने कड़े शब्दों में कहा कि केंद्र ने 2015 में जो दिल्ली सरकार की ताकत छीनी, वो गैरसंवैधानिक था।
मुख्यमंत्री के मुताबिक मकसद केवल एक था, ‘आप’ की सरकार को फेल करना। केंद्र सरकार से यही निवेदन है कि वो अब काम में टांग न अड़ाएं। पहले ही काफी टाईम बर्बाद कर दिया है। आपको अगर दिल्ली पर राज करना है तो दिल्ली के लोगों का दिल जीतो। आज हम काम कर रहे हैं, कल आप जीत कर काम कर लेना।
इसके अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट में चल रहे कई अन्य मामलों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को एल्डरमैन का कैसा रहा है मंगलवार को डीईआरसी के चेयरमैन की नियुक्ति का केस है और शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए फिनलैंड भेजे जाने का मामला भी अदालत में है। सर्विसिस के फैसले के बाद अब कोर्ट और हाई कोर्ट जाने की ज्यादा जरूरत नहीं पड़ेगी। हमारी जि़म्मेदारी पहले भी थी लेकिन वो जि़म्मेदारी बिना पावर थी। अब हमें जि़म्मेदारी पूरी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने शक्ति भी दे दी है।