Wednesday, June 26, 2024

एलन मस्क का चौंकाने वाला दावा बोले- EVM हैक हो सकती है,इसे खत्म करना होगा, राहुल गांधी ने कहा- भारत में EVM एक ‘ब्लैक बॉक्स

नई दिल्ली। सियासत में मुद्दे और सवालों के बड़ा अहम रोल होता है। चुनाव आते ही एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी और आलोचनाओं का दौर तेज हो जाता है, तो चुनाव के बाद अक्सर हारने वाली पार्टियों के नेता चुनावी प्रक्रिया, निष्पक्षता और चुनाव कराने वाली मशीन ईवीएम पर सवाल खड़ा कर देते हैं। भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) चुनाव प्रक्रिया का सबसे महत्वपूर्ण अंग बन चुकी है।

 

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दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्सियत एलन मस्क ने चौंकाने वाला दावा किया है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को कोई भी हैक कर सकता है और इसे खत्म करने की जरूरत है। इसी के साथ उन्होंने बड़ी मांग करते हुए ईवीएम को अमेरिकी चुनावों से हटाने की मांग की।

 

एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म x पर एक पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि ईवीएम का इस्तेमाल बंद हो जाना चाहिए। मस्क का मानना है कि मशीन हैक की जा सकती है। हाल ही में प्यूर्टो रिको में चुनाव हुए थें। विदेशी मीडिया के मुताबिक EVM में कई अनियमितताएं पाए जाने की रिपोर्ट सामने आई थी। हालांकि एक पेपर ट्रेल था इसलिए समस्या का पता चल गया और वोटों की गिनती को सही कर लिया गया। इसी मामले पर एलन मस्क ने x पर पोस्ट करते हुए ईवीएम पर संदेह जताया है।

उन्होंने x पर पोस्ट करते हुए लिखा, “हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर देना चाहिए. इसमें मनुष्यों या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम है। भले ही जोखिम थोड़ा है लेकिन फिर भी ये बहुत ज्यादा है। दरअसल अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए स्वतंत्र उम्मीदवार रॉबर्ट एफ. कैनेडी ने x पर एक पोस्ट कर के प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों के कारण ईवीएम पर कई सवाल उठाए. इसी पोस्ट को लेते हुए मस्क ने अपने पोस्ट को साझा किया है।

 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) एक ‘ब्लैक बॉक्स’ है, जिसकी जांच करने की किसी को इजाजत नहीं है। वो यहीं नहीं रुके उन्होंने चुनावी प्रक्रिया को भी सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया और कहा कि भारत की चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर ‘गंभीर चिंताएं’ जताई जा रही हैं।

 

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘जब संस्थाओं में जवाबदेही ही नहीं होती तो लोकतंत्र दिखावा बन कर रह जाता है और धांधली की आशंका बढ़ जाती है।’ इस पोस्ट के साथ गांधी ने एक खबर भी साझा कि जिसमें दावा किया गया कि मुंबई की उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से 48 वोट से जीत दर्ज करने वाले शिवसेना के उम्मीदवार के एक रिश्तेदार के पास एक ऐसा फोन है जिससे ईवीएम में छेड़छाड़ संभव थी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने ‘एक्स’ पर एलन मस्क की उस पोस्ट को भी साझा किया जिसमें मस्क ने ईवीएम को हटाने की बात कही थी। मस्क ने अपनी पोस्ट में कहा था, ‘हमें ईवीएम को खत्म कर देना चाहिए। मुनष्यों या कृत्रिम मेधा (एआई) द्वारा हैक किए जाने का जोखिम, हालांकि छोटा है, फिर भी बहुत अधिक है।’

कैसे शुरू हुआ विवाद?

दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार कैनेडी जूनियर ने कहा था, ‘प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों में EVM से संबंधित सैकड़ों अनियमितताएं सामने आई हैं। सौभाग्य से यह एक पेपर ट्रेल था, इसलिए समस्या की पहचान की गई और वोटों की गिनती को सही किया गया।’उन्होंने आगे कहा, ‘सोचिए उन क्षेत्रों में क्या होता होगा, जहां कोई पेपर ट्रेल नहीं है? अमेरिकी नागरिकों के लिए यह जानना आवश्यक है कि उनके प्रत्येक वोट की गणना की गई है।’

 

ये देश भी कर चुके हैं ईवीएम का इस्तेमाल

ईवीएम का इस्तेमाल कुल 31 देशों में किया गया है। केवल 4 देशों में इसे पूरे देश के चुनाव में इस्तेमाल किया जाता है. 11 देशों में इसे देश के कुछ ही चुनाव में इस्तेमाल किया जाता है। वहीं 3 देशों जर्मनी, नीदरलैंड और पुर्तगाल ने ईवीएम का इस्तेमाल बंद कर दिया है। जबकि 11 देशों ने इसे प्रोजेक्ट के रूप में चलाया लेकिन बाद में बंद करने का फैसला कर लिया।

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