नई दिल्ली। बहुचर्चित श्रद्धा हत्याकांड मामले में गुरुवार को तीन गवाहों ने दिल्ली के साकेत कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए। कोर्ट ने मामले से जुड़े कुछ डॉक्टरों और अन्य गवाहों के भी बयान 12 जुलाई को दर्ज करने का आदेश दिया। 17 और 18 जुलाई को गवाहों से अभियोजन पक्ष द्वारा सवाल जवाब किए जाएंगे।
आज अभियोजन पक्ष की ओर से तीन गवाहों ने बयान दर्ज कराए। ऑटो चालक मनीष कुमार राठौड़ ने कहा कि उसने 18 मई 2022 को श्रद्धा को अपने ऑटो से मेट्रो स्टेशन से छतरपुर पहाड़ी तक ले गया था। इसके बाद अभियोजन पक्ष की तरफ से आईएलबीएस अस्पताल वसंत कुंज में सहायिका का काम करने वाली कुसुम लता का बयान गवाह के रूप में दर्ज कराया गया। कुसुम लता ही ने आखिरी बार श्रद्धा वालकर को देखा था।
कुसुमलता के बयान के बाद कोर्ट ने श्रद्धा के भाई श्रीजय वालकर का बयान दर्ज किया गया। श्रीजय ने कहा कि श्रद्धा ने उसे बताया कि आफताब उसके साथ लड़ाई और मारपीट करता था। उसने इसकी जानकारी मां को भी दी थी। श्रीजय वालकर ने बताया कि इस मसले पर मैंने और मेरी मां ने अपनी बहन को यह बताने की कोशिश की कि यह सही नहीं है और आरोपित शारीरिक नुकसान पहुंचा रहा है। इसलिए उसे छोड़कर घर आ जाना चाहिए। उसने बताया कि इस तरह की हर घटना के बाद आफताब उससे की गई मारपीट के लिए माफी मांगता था, जिसे वह माफ कर देती और उसके साथ रहने लगती थी।
साकेत कोर्ट ने 9 मई को इस मामले के आरोपित आफताब के खिलाफ हत्या करने का आरोप तय कर दिया था। एडिशनल सेशंस जज मनीषा खुराना कक्कड़ ने आफताब पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (सबूतों को नष्ट करने) के तहत आरोप तय किये। सुनवाई के दौरान आफताब ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार कर दिया था और ट्रायल का सामना करने की बात कही।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि आफताब ने सोच समझ कर इस घटना को अंजाम दिया है। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि परिस्थितिजन्य साक्ष्य से पता चलता है कि श्रद्धा और आफ़ताब का लिव-इन रिलेशन हिंसक था। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि श्रद्धा प्रैक्टो ऐप के जरिये डॉक्टरों से परामर्श भी ले रही थी। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में श्रद्धा की काउंसलिंग का वीडियो प्ले कर दिखाया था, जिसमें श्रद्धा कह रही है कि आफताब उसको खोज लेगा और मार देगा।
दिल्ली पुलिस ने कहा था कि जांच के दौरान पुलिस को श्रद्धा की हड्डी, जबड़ा, और खून के निशान मिले। श्रद्धा के खून फ्रीज और कमरे की अलमारी में लगे हुए मिले। आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर शरीर के करीब तीस टुकड़े कर दिए थे। उसके शव के टुकड़ों को फ्रिज में रखा हुआ था। वो शव के अंगों को अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर फेंकता था। बाद में पुलिस ने आफताब की निशानदेही पर श्रद्धा के शरीर के कई अंगों को बरामद किया था।