Saturday, November 23, 2024

सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा को मिला प्रचंड बहुमत , 32 में से 31 सीटें जीतकर दोबारा सत्ता पर काबिज

गंगटोक। सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) प्रचंड बहुमत के साथ अपने दूसरे कार्यकाल के लिए सरकार में वापसी कर रहा है। एसकेएम ने विधानसभा चुनाव 2024 में 32 में से 31 सीटों पर ऐतिहासिक जीत हासिल की है। विपक्षी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) पार्टी को केवल एक सीट मिली है।

राज्य में 11वें विधानसभा चुनाव के लिए 19 अप्रैल को मतदान हुआ था। आज (रविवार) सुबह 6 बजे से वोटों की गिनती शुरू हुई। वोटों की गिनती शुरू होने के दो घंटे से भी कम समय में यह स्पष्ट हो गया था कि एसकेएम मजबूती के साथ सत्ता में वापसी कर रहा है। 2019 के चुनाव में एसकेएम पार्टी ने सिर्फ 17 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी। बाद में एसडीएफ पार्टी के दो विधायक एसकेएम पार्टी में शामिल हो गये। इस साल के चुनाव में एसकेएम पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार में आने का लक्ष्य लेकर चुनाव मैदान में उतरी थी, जिसमें वह सफल रही है। मुख्यमंत्री एवं एसकेएम पार्टी के अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग ने भी दो निर्वाचन क्षेत्रों, सोरेंग च्याखुंग और रिनॉक से चुनाव लड़ा और उन्होंने दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की। इसी तरह मुख्यमंत्री की पत्नी कृष्णा कुमारी राई भी नाम्ची सिंगिथांग निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीत गई है।

वहीं राज्य के प्रमुख विपक्षी दल एसडीएफ के लिए विधानसभा चुनाव 2024 बेहद निराशाजनक रहा। एसडीएफ पार्टी के केवल एक उम्मीदवार तेंजिंग नर्बु लाम्टा ने जीत हासिल की। पूर्व मुख्यमंत्री एवं एसडीएफ अध्यक्ष पवन कुमार चामलिंग ने दो निर्वाचन क्षेत्रों, पोकलोक कामरांग और नाम्चेबुंग से चुनाव लड़ा, लेकिन वह दोनों निर्वाचन क्षेत्रों से हार गए। पिछले 40 साल से लगातार चुनाव जीत रहे और 25 साल तक मुख्यमंत्री रहकर देश में इतिहास रचने में कामयाब रहे चामलिंग को इस बार हार का सामना करना पड़ा है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस हार से उनका राजनीतिक भविष्य और एसडीएफ पार्टी का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है।

राज्य में गंगटोक जिले के सियारी निर्वाचन क्षेत्र में ही एसकेएम पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। एसकेएम ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री कुंगा नीमा लेप्चा को टिकट दिया था जबकि एसडीएफ उम्मीदवार तेंजिंग नर्बु लाम्टा ने इस निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीता।

राज्य की एकमात्र संघ सीट को लेकर भी काफी अटकलबाजी हुई थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार पूर्व मंत्री छितेन टाशी भोटिया को सत्तारूढ़ एसकेएम पार्टी के पूर्व विधायक सोनम लामा के लिए एक बड़ी चुनौती माना जा रहा था। हालांकि सोनम लामा की जीत के बाद सभी अटकलों पर विराम लग गया है।

सबकी निगाहें एसडीएफ के बारफुंग विधानसभा क्षेत्र के उम्मीदवार भाइचुंग भोटिया पर भी थीं। चुनाव प्रचार के दौरान उनके समर्थकों की भीड़ देख सभी ने भोटिया की जीत की भविष्यवाणी की थी। हालांकि भारतीय फुटबॉल दल के पूर्व कप्तान को इस बार भी हार का सामना करना पड़ा है।

भाजपा ने इस बार ‘एकला चलो रे’ की नीति अपनाई और अपने दम पर चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरी। इससे पहले, भाजपा ने सत्तारूढ़ एसकेएम पार्टी के समर्थन से उपचुनावों में दो सीटें जीती थीं। हालांकि, इस बार भाजपा एक भी सीट नहीं जीत सकी। प्रदेश भाजपा के सभी दिग्गज नेता चुनाव हार गए हैं।

इसी तरह, सिटिजन एक्शन पार्टी (सीएपी) सिक्किम भी परिवर्तन के विकल्प का दावा करते हुए चुनाव मैदान में उतरी। नई पार्टी होने के बावजूद सीएपी अच्छा समर्थन जुटाने में कामयाब रही। लेकिन सीएपी खाता भी नहीं खोल सकी। प्रदेश कांग्रेस की भी ऐसी ही स्थिति रही।

उल्लेखनीय है कि राज्य विधानसभा चुनाव 2024 के लिए 19 अप्रैल को मतदान हुआ था। इस साल राज्य में 83.5 फीसदी मतदान हुआ, जो 2019 के चुनाव से 2 फीसदी ज्यादा था। इस चुनाव में कुल 146 उम्मीदवार मैदान में थे। इसी तरह राज्य में एकमात्र लोकसभा सीट के चुनाव के लिए 14 उम्मीदवार मैदान में थे। लोकसभा चुनाव की गिनती देश के अन्य राज्यों के साथ 4 जून को होगी।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय