नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को संसद में वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट पेश करते हुये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के परिवर्तनकारी नेतृत्व और भारत की प्रगति पर उसके प्रभाव को रेखांकित करते हुए विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए कर्तव्य काल के रूप में अमृत काल पर जोर दिया।
वित्त मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उच्च वृद्धि के साथ अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने और इसका विस्तार करने और लोगों की आकांक्षाएं पूरी करने के लिए उपयुक्त परिस्थितियां तैयार करने के लिये प्रतिबद्ध है। उन्होंने प्रधानमंत्री के स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र के नाम संबोधन को उद्धृत किया और कहा,“ हम नई आकांक्षाओं, नई चेतनाओं और नए दृढ़ संकल्प के साथ राष्ट्र के विकास के प्रति स्वयं को समर्पित करें क्योंकि हमारा देश अनन्त संभावनाएं और अवसर प्रदान कर रहा है।” उन्होंने कहा यह हमारा ‘कर्तव्य काल’ है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक प्रबंधन और सुशासन के बल पर वर्ष 2014 से पहले के दौर की प्रत्येक चुनौती से उबर चुके हैं। इन प्रयासों ने हमारे देश को सतत् उच्च वृद्धि के संकल्प पथ पर आगे बढ़ा दिया है। यह सब सही नीतियों, सच्चे इरादों और उपयुक्त निर्णयों के कारण ही संभव हो सका है।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि जुलाई में, पूर्ण बजट में हमारी सरकार ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य का विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत करेगी। ‘विकसित भारत’ के सपने को साकार करने के लिए राज्यों में संवृद्धि और विकास के अनेक समर्थकारी सुधार किए जाने की जरूरत है। उन्होंने पचास वर्ष के ब्याज-मुक्त ऋण के रूप में 75 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान करने का प्रस्ताव किया है जिससे राज्य सरकारों तक संबंधित सुधारों की मदद पहुंचाई जा सके।
उन्होंने कहा कि सरकार तीव्र जनसंख्या वृद्धि और जनांकिकी परिवर्तनों से उत्पन्न चुनौतियों पर व्यापक रूप से विचार करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठन करेगी। इस समिति को ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को प्राप्त करने से संबंधित इन चुनौतियों का संपूर्ण रूप से निराकरण करने के लिए सिफारिशें करने का अधिकार दिया जाएगा।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत सरकार, अधिक आर्थिक अवसर उपलब्ध कराने सहित आकांक्षी जिलों और ब्लॉकों के तीव्र विकास में राज्यों को सहायता देने के लिए तत्पर है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार इस बात पर पूरा ध्यान देगी कि पूर्वोत्तर क्षेत्र और वहां के निवासी भारत के विकास के सशक्त संवाहक बनें।