कानपुर। आगजनी एवं प्लॉट कब्जा करने एवं गैंगस्टर मामले में महाराजगंज जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी के मामले में अब नया मोड़ आ गया। इस मामले के गवाह ऋृषभ गुप्ता ने न्यायालय के सामने अपना बयान बदल दिया। यह जानकारी शनिवार को संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने दी।
संयुक्त पुलिस आयुक्त ने बताया कि महाराजगंज जेल में बंद समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी के मामले में एक नया मोड़ आ गया है। हुआ यह कि सुनवाई के दौरान इरफान की तरफ से एक गवाह ऋषभ गुप्ता को उनके अधिवक्ता ने गवाही के लिए न्यायालय में बुलाया। लेकिन वह अंतिम समय में अपने बयान से पलट गए।
ऋषभ के बयान के मुताबिक उस दिन मंदिर से जब वापस लौट रहा था तो उसने घटनास्थल पर देखा कि घर में आग लगी हुई है और वहां कोई मौजूद नहीं था। उसने अपने फोन से 112 नम्बर पर सूचना दी और फायर ब्रिगेड बुलाई। अचानक इस बयान से पलटते हुए उसने न्यायालय को बताया कि घटनास्थल पर मौजूद इरफान के छोटे भाई अरशद ने ऋषभ गुप्ता के फोन से 112 पर सूचना दी थी। इसके साथ ही ऋषभ का कहना था कि मौके पर इरफान सोलंकी की भी मौजूदगी थी।
गवाह के मुताबिक जब वह घटना स्थल पर पहुंचा तो वहां आग लगी हुई थी। फिलहाल इस गवाही के बाद समाजवादी पार्टी विधायक की मुश्किलें बहुत बढ़ गई है। इरफान सोलंकी के वकील शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि प्रॉस्टिट्यूशन द्वारा लगातार गवाही के लिए समय लिया जा रहा था। कुछ शंका हुई तो लिखित में न्यायालय को दिया गया कि पुलिस द्वारा गवाह को प्रभावित किया जा सकता है। उसे डराया धमकाया भी जा सकता है।
उन्होंने कहा कि उनका शक सच साबित हुआ और गवाह खुद प्रॉस्ट्यूशन के लोगों के साथ आकर कांटेक्ट की स्टेटमेंट दे गया। वहीं बचाव पक्ष के गवाह ने इरफान रिजवान और अरशद सोलंकी की घटना के समय मौजूदगी को न्यायालय में स्वीकारा और यह भी बताया कि रिजवान सोलंकी ने गवाह के मोबाइल से 112 पर घटना की सूचना दी थी। फिलहाल इस मामले में जल्द ही फैसला आने की पूरी उम्मीद है।