Tuesday, November 5, 2024

फ्लैट खरीदारों का पैसा हजम करने वाले बिल्डरों के खिलाफ सख्त एक्शन : डीएम 

नोएडा। जनपद गौतम बुद्ध नगर में जिला प्रशासन ने भी बिल्डरों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि फ्लैट खरीदारों का पैसा नहीं लौटाने वाले बिल्डरों के खिलाफ सख्त एक्शन होगा। मई 2018 से यूपी रेरा बिल्डरों के खिलाफ आरसी जारी कर रहा है। जिला प्रशासन के पास यूपी रेरा की ओर से जारी की गई 503 करोड़ रुपए की 1,705 आरसी है। अब बकाएदार बिल्डरों के घर और दफ्तर पर जाकर मुनादी कराई जाएगी।”
डीएम ने  पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि मुनादी में ढोल बजाकर बिल्डरों का नाम, यूपी रेरा की आरसी और बकाया धनराशि समेत अन्य जानकारी दी जाएंगी। साथ ही बिल्डरों के दफ्तर और घर के बाहर नोटिस चस्पा किया जाएगा। मुनादी के माध्यम से पड़ोस में रहने वाले लोगों को भी बिल्डर के बकाएदार होने की जानकारी दी जाएगी।
जिलाधिकारी ने बताया कि उनके प्रोजेक्ट ही नहीं आसपास में मुनादी कराई जाएगी। बकाएदार बिल्डर पैसा जमा करवा दें, अगर बिल्डर पैसा जमा नहीं करेगा तो उनकी संपत्ति को कुर्क कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कल शुक्रवार और शनिवार  दो दिन बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। दादरी और सदर तहसील की 30 से अधिक टीमें बिल्डरों के घर और कार्यालयों पर जाकर मुनादी करेंगी। कुछ बिल्डर दिल्ली और हरियाणा के शहरों में रहते है। ऐसे बिल्डरों के खिलाफ भी अभियान शुरू किया जाएगा। दिल्ली और हरियाणा में उनके घर और कार्यालयों पर जाकर मुनादी कराई जाएगी। इसमें स्थानीय प्रशासन, नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मदद ली जाएगी।
उन्होंने बताया कि मई 2018 से यूपी रेरा आरसी जारी कर रहा है। तब से अब तक 4,571 आरसी गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन को मिल चुकी हैं। जो 1,728 करोड़ रुपए की है। इनमें से 344 करोड़ रुपए की 724 आरसी में खरीदारों और बिल्डर के बीच समझौता हो गया। जिस कारण वह 724 आरसी लौटा दिया गया। वहीं, एनसीएलटी के कारण 781 आरसी को वापस कर दिया गया है, जो 777 करोड़ रुपए की थीं। प्रशासन अब तक 365 करोड़ रुपए की वसूली कर चुका है। दादरी तहसील के पास 73 बकाएदार बिल्डर हैं, जिनके पास यूपी रेरा की 1,325 आरसी का 487 करोड़ रुपए बकाया हैं। सबसे बड़ा बकाएदार बिल्डर वेवमेगा सिटी सेंटर है, जिस पर 80 करोड़ रुपए बकाया हैं। सदर तहसील में 28 बिल्डरों की 380 आरसी हैं, जो 129 करोड़ रुपए की है।
उन्होंने बताया कि जिन बिल्डरों पर ज्यादा रकम बकाया है उनके नाम इस प्रकार हैं। वेव मेगासिटी सेंटर 80.55 करोड,लॉजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर 34.57 करोड,सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट,33.56 करोड,रुद्रा बिल्डवेल होम्स 49.81 करोड,कॉसमॉस इंफ्राएस्टेट26.71 करोड,महागुन इंडिया19.97 करोड,अजनारा रियलटेक 15.41 करोड पार्श्वनाथ डेवलपर्स 13.39 करोड,फ्यूचर वर्ल्ड ग्रीन होम्स12.44 करोड, जयप्रकाश एसोसिएट्स 15.32 ट करोड़ तथा,ग्रीनवे/ऑरिस इंफ्रास्ट्रक्चर17.63 करोड,सिक्का इंफ्रास्ट्रक्चर 13.38 करोड,किंडल इंफ्राहाइट्स  8.64 करोड,इम्पीरिया 09.41 करोड,सनवर्ड सिटी5.46 करोड,पार्श्वनाथ डेवलपर्स4.99 करोड,ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण 4.10 करोड,न्यूटेक प्रोमोटर्स एंड डेवलपर्स 3.79 करोड,सॉलिटेयर रियल इंफ्रा 3.32 करोड,वर्धमान इंफ्रा डेवलपर्स 3.04 करोड है।
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