Saturday, January 4, 2025

सनी हत्याकांड: क्रिकेट विवाद से खून-खराबे तक

मुजफ्फरनगर. पलड़ी गांव में करीब 16 साल से दो पक्षों के बीच तनातनी चल रही थी। यह पुरानी दुश्मनी एक साल पहले एक क्रिकेट मैच के दौरान हुए विवाद के बाद फिर से भड़क उठी।

शुरुआती विवाद: क्रिकेट और इसके परिणाम

क्रिकेट मैच के दौरान शुरू हुआ विवाद धीरे-धीरे दोनों पक्षों के लिए गंभीर रूप लेता गया। घूरना और टिप्पणी करना खून-खराबे तक पहुंच गया, जिसके परिणामस्वरूप एक भयावह घटना घटी जिसने पूरे गांव को हिला कर रख दिया।

वह मनहूस दिन

घटना के दिन, पलड़ी गांव के निवासी सनी अपने परिवार के सदस्य शीलू के साथ खतौली से बाल कटवाकर लौट रहा था। हमलावरों ने खतौली से ही उनका पीछा करना शुरू कर दिया था। गांव पहुंचते ही हमलावरों ने सनी की बाइक को टक्कर मार दी, जिससे वह गिर पड़ा। इसके बाद हमलावरों ने डंडों से उस पर हमला कर दिया और उसकी हत्या कर दी।

पुलिस जांच और गिरफ्तारियां

पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी के परिवार के सदस्यों को हिरासत में लिया। पीड़ित परिवार ने सभी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या यह घटना 19 साल पुराने झगड़े से संबंधित है या सिर्फ हाल ही के क्रिकेट विवाद के कारण हुई।

पूरा गांव सदमे में
सनी की हत्या से पूरा गांव सदमे में है। परिवार के सदस्य और ग्रामीण सनी को लेकर सीएचसी पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस पर परिवार और ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया और शव लेकर जाने लगे। पुलिस और सीओ राम आशीष यादव ने मुश्किल से स्थिति को नियंत्रण में लिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

सनी का परिवार: संघर्षरत

सनी की मौत से उसका परिवार पूरी तरह से टूट चुका है। सनी परतापुर की एक फैक्टरी में काम करता था और अपने परिवार का भरण पोषण करता था। उसके पिता पहले ही गुजर चुके थे, और घर में उसकी मां सरिता, भाई आकाश और बहन हिमांशी हैं। सनी की मौत से उनका जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।

कानूनी कार्यवाही

सनी की मां सरिता देवी ने प्रधान रमेश पाल, उसके बेटे अंशुल और अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। शिकायत के अनुसार, सनी ने गन्ने के खेत में भागकर जान बचाने की कोशिश की, लेकिन आरोपियों ने उसे वहां भी पकड़कर उसके सिर पर वार किए।

समुदाय और राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस घटना ने विभिन्न क्षेत्रों से ध्यान आकर्षित किया है। आजाद समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष दिनेश कुमार और अन्य नेता गांव पहुंचे और परिवार को न्याय दिलाने की मांग की। इस घटना ने यह भी उजागर किया है कि समुदाय में लंबे समय से चले आ रहे विवाद और तनाव किस तरह की त्रासदी का कारण बन सकते हैं।

न्याय की मांग

सनी की हत्या ने यह दिखाया है कि असमाप्त विवाद और हिंसा के बढ़ते स्तर का क्या परिणाम हो सकता है। न्याय की प्रक्रिया के चलते, समुदाय की नजरें अधिकारियों पर टिकी हैं कि वे न्याय दिलाएं और दोषियों को सजा दिलाएं। यह उम्मीद है कि यह घटना एक सबक बनेगी और भविष्य में ऐसे दुखद घटनाओं को रोकने के लिए प्रयास किए जाएंगे।

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