Sunday, May 11, 2025

सुप्रीम कोर्ट ने दी केजरीवाल को राहत, कांग्रेस-बीजेपी के बारे में की थी चुनावी टिप्पणी !

नयी दिल्ली- उच्चतम न्यायालय ने 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश में कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कार्यवाही पर मंगलवार को अंतरिम रोक बढ़ाकर उन्हें राहत दी।

न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने श्री केजरीवाल की अपील की जांच करने का फैसला करते हुए कार्यवाही पर अंतरिम रोक बढ़ाने का आदेश पारित किया।

पीठ ने हालाँकि, कहा कि इस तरह के मामलों को शीर्ष अदालत द्वारा नहीं निपटाया जाना चाहिए।

श्री केजरीवाल पर जन प्रतिनिधित्व (आरपी) अधिनियम 1951 की धारा 125 के तहत चुनावों के दौरान वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है।

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। उच्च न्यायालय ने सुल्तानपुर की एक निचली अदालत के समक्ष लंबित आपराधिक मामले में श्री केजरीवाल को आरोप मुक्त करने से इनकार कर दिया था।

श्री केजरीवाल पर आरोप है कि उन्होंने मई 2014 में चुनाव प्रचार के दौरान कथित तौर पर कहा था,“मेरा मानना है-जो कांग्रेस को वोट देगा, देश के साथ गद्दारी होगी, जो भाजपा को वोट देगा उसे खुदा भी माफ नहीं करेगा। कांग्रेस देश के साथ गद्दारी करेगी और भगवान उन लोगों को माफ नहीं करेगा जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को वोट देंगे।”

शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी याचिका में राहत की गुहार लगाते हुए श्री केजरीवाल कहा, “उन्होंने किसी धर्म या जाति का नहीं बल्कि केवल एक राजनीतिक दल का जिक्र किया था।”

याचिकाकर्ता ने दलील दी कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 के प्रयोजनों के लिए एक राजनीतिक दल को नागरिकों के एक वर्ग के रूप में नहीं माना जा सकता है। उन्होंने यह भी दलील दी कि क्या उनके द्वारा दिए गए कथित भाषण की कोई वीडियो क्लिप या पूरी प्रतिलिपि के बिना धारा 125 के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है?

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय