नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एलोपैथिक दवाओं पर की गई टिप्पणी के खिलाफ छत्तीसगढ़ और बिहार में बाबा रामदेव के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने या सभी को एक साथ जोड़ने की मांग वाली याचिका पर छत्तीसगढ़ और बिहार सरकार को जवाब दाखिल करने का अंतिम मौका दिया है। जस्टिस एएस बोपन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने बाबा रामदेव की याचिका पर छत्तीसगढ़ और बिहार सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए और समय दिया।
बाबा रामदेव ने देश के अलग-अलग हिस्सों में दर्ज एफआईआर को एक साथ क्लब करने की मांग की है। इसके साथ ही बाबा रामदेव ने आईएमए की पटना और रायपुर ब्रांच की ओर से दर्ज एफआईआर को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की है। रायपुर में बाबा रामदेव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188, 269 और 504 के तहत केस दर्ज किया गया है।
आईएमए ने अपनी शिकायत में कहा है कि रामदेव ने गलत जानकारी फैलाई है। आईएमए का आरोप है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान बाबा रामदेव ने आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के प्रति आम लोगों के मन में भ्रम पैदा किया और अविश्वास बढ़ाया है। इससे डॉक्टरों की भावनाएं आहत हुईं।