नयी दिल्ली – कांग्रेस ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय में दिल्ली और महाराष्ट्र में उप-राज्यपाल तथा राज्यपाल की भूमिका के संदर्भ में गुरुवार को जो फैसला दिया है वह ऐतिहासिक है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के इशारे पर की गई अलोकतांत्रिक गतिविधियों की करारी हार है।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यहां पार्टी मुख्यालय संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महाराष्ट्र और दिल्ली के मामलों पर उच्चतम न्यायालय का फैसला भाजपा के लिए कानूनी स्तर पर ही नहीं बल्कि नैतिक, मौलिक और राजनीतिक स्तर पर भी तमाचा है।
उन्होंने कहा, “भाजपा को कई मोर्चों पर आज मात खानी पड़ी है। उच्चतम न्यायालय में वह लोकतांत्रिक और राजनीतिक लड़ाई हारी है और दिल्ली एवं महाराष्ट्र में लोकतंत्र की जीत हुई है। लोकतांत्रिक व्यवस्था कैसे नहीं चलानी चाहिए सुप्रीम कोर्ट ने उसे इस बारे में उसे आज स्पष्ट बताया है।”
दिल्ली की प्रशासन व्यवस्था को लेकर न्यायालय के फैसले उन्होंने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली को लेकर जो फैसला दिया है वह दिल्ली की, दिल्ली के नागरिकों की, स्वायत्तता की और लोकतांत्रिक-गणतांत्रिक सिद्धांतों की जीत है।”
श्री सिंघवी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि वह इन दोनों मामलों के पैरवीकार थे। उनका कहना था कि आज दिल्ली तथा महाराष्ट्र में लोकतंत्र की जीत हुई है। भाजपा के इशारे पर दिल्ली और महाराष्ट्र में जिन्होंने लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास किया उन्हें उच्चतम न्यायालय से जोरदार तमाचा मारा है।
उन्होंने कहा, “न्यायालय की संविधान पीठ के अनुसार इन दोनों राज्यों में उपराज्यपाल तथा राज्यपाल ने जो भूमिका निभाई है वह गैरकानूनी थी और लोकतंत्र में जिम्मेदार पद पर बैठे लोगों को गैरजिम्मेदार से काम नहीं करना चाहिए। राज्यपाल ने व्हिप की व्यवस्था के लिए मौजूद नियमों का उल्लंघन कर गैरकानूनी तरीके से अपने दायित्वों का निर्वहन किया है।”