सूरत | गुजरात की सूरत जिला अदालत ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को अप्रैल 2019 में उनकी ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी के मामले में दोषी ठहराया। गांधी को आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया गया। इस अपराध में यह अधिकतम सजा है। कांग्रेस पार्टी ने ऐलान किया है कि सांसद राहुल गांधी को सूरत की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट द्वारा दोषी करार दिए जाने के मामले में राजनीतिक मुकाबला करेगी।
इस मामले में कांग्रेस ने कानूनी लड़ाई लड़ने के साथ ही इसे बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाने के लिए विपक्षी दलों को साथ लेने और जनता के बीच उतरने का फैसला किया है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने जानकारी देते हुए गुरुवार को कहा कि मल्लिकार्जुन खड़गे के घर में करीब 50 सांसद, कांग्रेस स्टियरिंग कमेटी के सदस्य और वरिष्ठ नेता मिले। करीब दो घंटे तक बैठक हुई और इसमें तय किया गया कि विपक्ष के नेता खड़गे ने विपक्ष की पार्टियों को बुलाया है। शुक्रवार सुबह 10 बजे, उनके साथ बैठक होगी।
उन्होंने कहा, सुबह 11:30 या 12 बजे सारे विपक्ष के सांसद विजय चौक तक चलेंगे, प्रदर्शन करेंगे। दोपहर को हमने सभी विपक्ष की पार्टियों की तरफ से राष्ट्रपति से समय मांगा है। शुक्रवार शाम को कांग्रेस अध्यक्ष, हमारे सारे पीसीसी प्रेसीडेंट और सीएलपी लीडर्स के साथ बैठक होगी, जहाँ राज्यों में जो कार्यक्रम होंगे, उन पर चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर सोमवार को दिल्ली में और अलग-अलग राज्यों में प्रदर्शन होंगे। ये सिर्फ एक कानूनी मुद्दा नहीं है, ये एक बहुत गंभीर राजनीतिक मुद्दा भी है, जो हमारे लोकतंत्र के भविष्य से जुड़ा हुआ है। ये मोदी सरकार की प्रतिशोध की राजनीति, धमकी की राजनीति, डराने की राजनीति और उत्पीड़न की राजनीति की एक बड़ी मिसाल है।
इसको हम कानूनी तरीके से भी लड़ेंगे। जो कानून हमें अधिकार देता है, उन अधिकारों का इस्तेमाल हम करेंगे, पर ये एक राजनीतिक मुकाबला भी है, इसका हम सीधा मुकाबला करेंगे, हम पीछे हटेंगे नहीं, हम डरेंगे नहीं, इसे हम बड़ा राजनीतिक मुद्दा भी बनाएंगे।
बीजेपी विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ उनकी टिप्पणी सभी चोरों के उपनाम मोदी क्यों है ? के लिए केस दर्ज कराया था। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली को संबोधित करते हुए टिप्पणी की गई थी।
टिप्पणी की वीडियो सर्विलांस टीम और कोल्लार जिले के उपायुक्त और जिला चुनाव अधिकारी के कार्यालय की वीडियो देखने वाली टीम द्वारा वीडियोग्राफी की गई थी। शिकायतकर्ता ने कहा कि राहुल की टिप्पणी से मोदी समुदाय की बदनामी हुई।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा ने पिछले सप्ताह दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 23 मार्च की तारीख तय की थी। गांधी ने कहा है कि जब उन्होंने उक्त बयान दिया, तो उनकी ओर से कोई दुर्भावना नहीं थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एच. एच. वर्मा की अदालत ने उन्हें दोषी पाते हुए दो साल की जेल की सजा सुनाई और 15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। हालांकि अदालत ने सजा को निलंबित कर दिया और 30 दिनों के भीतर अपील करने के लिए जमानत दे दी।राहुल गांधी ने वकील ने कहा कि वे जल्द ही सेशन कोर्ट जाएंगे।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सूरत की अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद अगर ऊपरी न्यायालयों द्वारा उनकी सजा का निलंबन नहीं किया जाता है, तो उन्हें एक सांसद के रूप में अयोग्यता का सामना करना पड़ सकता है और वह चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत अगर किसी को दो साल या उससे अधिक के कारावास की सजा सुनाई जाती है, तो वह व्यक्ति कारावास की अवधि और छह साल की अवधि के लिए अयोग्य हो जाता है।
लेकिन, अधिनियम में मौजूदा सदस्यों के लिए एक अपवाद है। उन्हें अपील करने के लिए सजा की तारीख से तीन महीने की अवधि प्रदान की गई है और अपात्रता तब तक लागू नहीं होगी जब तक कि अपील का फैसला नहीं हो जाता।