Monday, July 8, 2024

22.13 करोड़ हजम करने के आरोपी कंपनी डायरेक्टर की जमानत खारिज, यूनियन बैंक का है मामला

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी दस्तावेज व काल्पनिक स्टाक दिखाकर यूनियन बैंक आफ इंडिया से 2000 लाख रुपये की कैश क्रेडिट लेकर 22.13 करोड़ रूपये हजम करने के आरोपी मेसर्स श्री शांतिनाथ इंपेक्स प्रा लिमिटेड के डायरेक्टर शिवांश अग्रवाल को जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया है और जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने दिया है। जमानत अर्जी का सीबीआई के अधिवक्ता ने विरोध किया। याची का कहना था कि सह अभियुक्त शरद गुप्ता ने षड्यंत्र व फ्राड किया है। वह निर्दोष है। 6 जून 22 से जेल में बंद हैं। अन्य सह अभियुक्त रवि कुमार गर्ग, अजय लोहिया, मुकेश मित्तल, बैंक मुख्य प्रबंधक अनिल कुमार रावत को जमानत मिल चुकी है। इसलिए उसे भी जमानत पर रिहा किया जाए।

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सीबीआई की तरफ से कहा गया कि याची ही मुख्य अभियुक्त हैं। इसी ने फर्जी दस्तावेज से काल्पनिक स्टाक पर दो हजार लाख की क्रेडिट ली और अस्तित्वहीन कंपनियों में पैसे स्थानांतरित कर करोड़ों रुपए हड़प लिया। सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है। विशेष अदालत गाजियाबाद ने सम्मन जारी किया। हाजिर नहीं हुए तो जमानती वारंट जारी किया। फिर भी हाजिर नहीं हुए तो कई बार गैर जमानती वारंट जारी किया गया। 6 जून 22 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। यदि जमानत पर रिहा किया गया तो कानून व अदालत की पकड़ से बाहर भागने की पूरी संभावना है।

कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपों की गंभीरता को देखते हुए जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया।

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