Sunday, May 19, 2024

सुप्रीम कोर्ट बार संघ के अध्यक्ष पर भड़के सीजेआई, बोले-22 साल से किसी से न दबा हूँ और न दबूंगा !

मुज़फ्फर नगर लोकसभा सीट से आप किसे सांसद चुनना चाहते हैं |

नयी दिल्ली-चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ गुरुवार को कोर्ट में एक अर्जी की लिस्टिंग पर गुस्सा हो गए। उन्होंने तेज आवाज में वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह से कहा, ‘चुप रहो। इसी वक्त कोर्ट से चले जाओ। आप हमें डरा नहीं सकते!’ मैं आपकी बातों से डरने वाला नहीं हूं।

उन्होंने कहा कि मैं चीफ जस्टिस हूं। मैं 29 मार्च, 2000 से यहां हूं। मैं इस पेशे में 22 साल से हूं। मैंने कभी भी खुद को बार के किसी सदस्य, वादी या किसी अन्य के दबाव में नहीं आने दिया। मेरे करियर के अंतिम दो वर्षों में भी ऐसा नहीं करने दूंगा। उन्होंने कहा कि 22 साल से किसी से न दबा हूँ और न दबूंगा।

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

दरअसल विकास सिंह सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। वे चीफ जस्टिस, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच से वकीलों को जमीन देने की मांग वाली एक अर्जी पर सुनवाई की अपील कर रहे थे। उनका कहना था कि वे इस केस को सुनवाई के लिए लिस्ट कराने की छह महीने से कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कामयाब नहीं हो पा रहे।

विकास सिंह ने कहा, ‘एससीबीए की याचिका पर अप्पू घर की जमीन उच्चतम न्यायालय को मिली और एससीबीए को बेमन से केवल एक ब्लॉक दिया गया। पूर्व प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण के कार्यकाल में इस भूमि पर निर्माण कार्य शुरू होना था। पिछले छह महीने से हम मामले को सूचीबद्ध कराने की जद्दोजहद में लगे हैं। मुझे एक साधारण वादी की तरह समझा जाए।’ विकास सिंह अपनी बात कहते हुए कुछ तेज़ आवाज में बोल गए।

इस पर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ नाराज हो गये। उन्होंने कहा, ‘प्रधान न्यायाधीश को धमकी मत दीजिए। क्या इस तरह का बर्ताव होना चाहिए? कृपया बैठ जाइए। इसे इस तरह सूचीबद्ध नहीं किया जाएगा। कृपया मेरी अदालत से जाइए। मैं इस तरह (मामले को) सूचीबद्ध नहीं करूंगा। आप मुझ पर दबाब नहीं बना सकते।’

उन्होंने कहा, ‘मिस्टर विकास सिंह, अपनी आवाज इतनी ऊंची मत कीजिए। अध्यक्ष के रूप में आपको बार का संरक्षक और नेतृत्वकर्ता होना चाहिए। मुझे दुख है कि आप संवाद का स्तर गिरा रहे हैं। आपने अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर की है और दावा किया है कि उच्चतम न्यायालय को आवंटित जमीन चैंबर के निर्माण के लिए बार को दे देनी चाहिए। हम मामले के आने पर इसे देखेंगे। आप अपने हिसाब से हमें चलाने की कोशिश मत कीजिए।’

न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘आप न्यायालय को आवंटित जमीन बार को देने के लिए कह रहे हैं। मैंने अपना फैसला सुना दिया है। यह मामले पर 17 तारीख (मार्च) को सुनवाई होगी और यह मुकदमों की सूची में पहले नंबर पर नहीं होगा।’

Related Articles

STAY CONNECTED

74,188FansLike
5,319FollowersFollow
50,181SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय