फिल्म ‘छावा’ को लेकर महाराष्ट्र में शिव प्रेमियों ने छत्रपति संभाजी महाराज और महारानी येसुबाई के नृत्य पर आपत्ति जताई है। इसके बाद ‘छावा’ के निर्देशक लक्ष्मण उतेकर शिवतीर्थ ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उतेकर ने राज ठाकरे से विचार विमर्श किया और फिल्म के आपत्तिजनक सीन हटाने का आश्वासन दिया।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे से मुलाकात के बाद फिल्म के निर्देशक लक्ष्मण उतेकर ने पत्रकारों से वार्ता की। उतेकर ने पत्रकारों को बताया कि आज मैं राज ठाकरे से मिला। मैं इस फिल्म को लेकर उनकी सलाह चाहता था। राज ठाकरे ने महाराज के बारे में बहुत कुछ पढ़ा है। इसलिए मैंने उनसे सीखा कि सिनेमा में क्या बदलाव करने चाहिए। राज ने मुझे कुछ सुझाव दिए हैं इसके लिए उनका बहुत-बहुत धन्यवाद।
छावा में लेज़ीम सीन के बारे में लक्ष्मण उतेकर ने कहा कि फिल्म में हम लेज़ीम डांस सीन हटा देंगे। इसका मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था। किसी ने नहीं सोचा होगा कि हमारे राजा इस तरह नाच रहे होंगे। यह सीन इतना बड़ा हिस्सा नहीं है फिल्म का, तो निश्चित रूप से हम इस हिस्से को हटा देंगे। उन्होंने कहा कि हमारी पूरी टीम पिछले चार साल से इस फिल्म पर रिसर्च कर रही है ताकि पूरी दुनिया को पता चले कि वह कितने महान योद्धा थे अगर एक या दो बातें उन्हें ठेस पहुंचाती हैं, तो हमें उन्हें हटाने में कोई आपत्ति नहीं है।
लक्ष्मण उतेकर ने आगे कहा कि हमारी पूरी फिल्म शिवाजी सावंत के छावा उपन्यास पर आधारित है। हमने इस उपन्यास के आधिकारिक अधिकार लेकर यह फिल्म बनाई है। छावा उपन्यास में लिखा है कि छत्रपति संभाजी महाराज आग से नारियल निकालते थे। होली के अलावा लेज़ीम एक पारंपरिक खेल है, जिसमें आज के डांस स्टेप्स या महाराज ऐसा कुछ नहीं करते, जिससे हमें शर्म महसूस हो।”
उतेकर ने कहा कि लेज़ीम हमारा पारंपरिक खेल है तो चित्र बनाते समय महाराज ने लेज़ीम क्यों नहीं खेला। यह हमेशा एक सवाल था। महाराज उस समय 20 वर्ष के थे। महाराज ने बुरहानपुर पर हमला किया और उसे जीतने के बाद रायगढ़ आए। 20 वर्षीय राजा ने तब लेज़ीम खेला होगा। उसमें क्या गलत है? ऐसा मुझे लगता है। अगर इससे शिव प्रेमियों की भावनाएं आहत होती हैं, तो यह हम इस सीन काे हटा देंगे।