लखनऊ – उत्तर प्रदेश में हड़ताली विद्युत कर्मचारियों पर एस्मा के तहत कार्रवाई का विरोध जताते हुये उप्र विद्युत संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे कहा कि सरकार उनके शांतिपूर्ण आंदोलन को अलोकतांत्रिक तरीके से कुचलने का प्रयास कर रही है मगर सार्वजनिक क्षेत्र की संपत्तियों को निजी क्षेत्र में जाने के खिलाफ बिजली कर्मचारियों की लड़ाई जारी रहेगी।
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा द्वारा हड़ताली बिजली कर्मचारियों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई करने की चेतावनी पर प्रतिक्रिया जताते हुये श्री दुबे ने शनिवार को कहा कि सरकार समिति के 22 पदाधिकारियों को एस्मा के तहत गिरफ्तार कर सकती है। सरकार का यह कदम अलोकतांत्रिक है। बिजली कर्मचारी ऊर्जा मंत्री के साथ हुये लिखित समझौते का पालन कराने के लिये हड़ताल पर है और उनका आंदोलन शांतिपूर्ण है।
उन्होने कहा कि बिजली कर्मचारी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजी क्षेत्र में देने के साथ के फैसले का विरोध जारी रखेंगे।
गौरतलब है कि प्रदेश के बिजली कर्मचारी गुरूवार रात दस बजे से 72 घंटे की हड़ताल कर रहे है। हड़ताल से प्रदेश की विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुयी है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी हड़ताल को गैर जरूरी बताते हुये इसे अदालत की अवमानना करार दिया है।