नई दिल्ली। मॉनसून सेशन में के दौरान संसद में एनडीए और इंडिया के नारे भी लगे। दरअसल इंडिया (I.N.D.I.A) के बैनर तले एकजुट विपक्ष हमलावर है।
बता दें कि आज विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विदेश मामलों पर जानकारी देने के लिए खड़े हुए, मगर विपक्ष के हंगामे के कारण उनकी बात किसी ने नहीं सुनी। दरअसल मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान की मांग कर रहे विपक्ष ने संसद में विरोध की नई रणनीति बनाई है। विपक्षी नेताओं ने नितिन गडकरी को छोड़कर अन्य मंत्रियों के विरोध की प्लानिंग की है। इसके तहत विपक्ष अन्य नेताओं के बयान या संसद में संबोधन के दौरान हंगामा करेगा, जबकि गडकरी के भाषण के दौरान शांत रहेगा। एस. जयशंकर गुरुवार को विपक्ष की इस रणनीति का निशाना बन गए।
कांग्रेस समेत विपक्ष ने नीतिन गडकरी को हंगामे से छूट देकर एक तीर कई निशाने को साधने की कोशिश की है। विपक्षी दलों के कई नेता नितिन गडकरी की सार्वजनिक तौर से तारीफ कर चुके हैं। विरोध की नई रणनीति से विपक्ष यह जता रहा है कि नितिन गडकरी को वे पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के ज्यादा तवज्जो देते हैं। कांग्रेस उन्हें बीजेपी के एकमात्र सर्वमान्य नेता को तौर पर मान्यता देती है। कांग्रेस को उम्मीद है कि उसकी इस चाल से बीजेपी भी नरेंद्र मोदी और गडकरी खेमे में बंट सकती है। खुद नरेंद्र मोदी समर्थक धड़ा नितिन गडकरी के कद को कम करने की कोशिश करेगा, जिसका फायदा चुनावों में हो सकता है। इस तारीफ की पटकथा काफी पहले लिखी जा चुकी है।
जुलाई में पीएम नरेंद्र मोदी के छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने नितिन गडकरी की प्रशंसा की थी। उन्होंने कहा था कि मैं नितिन गडकरी से जितना मांगता हूं, वह उससे ज्यादा ही देते हैं। 4 जुलाई को राजस्थान के प्रतापगढ़ में नेशनल हाइवे से जुड़ी परियोजनाओं के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गडकरी के लिए तारीफ के पुल बांधे थे। यह तारीफ उस समय में की गई थी, जब राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए माहौल गरम है। कांग्रेस और बीजेपी के नेता किसी भी मुद्दे पर एक-दूसरे को बख्श नहीं रहे हैं। इंडिया (I.N.D.I.A) वाले दिग्गज नेता शरद पवार भी नितिन गडकरी को बीजेपी के नेताओं से अलग बता चुके हैं। पानीपत से दिल्ली आने वाली सड़क के उद्घाटन के दौरान अलका लांबा ने खुद को नितिन गडकरी का फैन बताया था।