खरगोन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मध्यप्रदेश के आदिवासीबहुल खरगोन जिले में कांग्रेस पर आदिवासियों की हमेशा उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अयोध्या से निकले एक राजकुमार को आदिवासियों ने मर्यादा पुरुषोत्तम राम बना दिया और इसीलिए वे (मोदी स्वयं) आदिवासियों की पूजा करते हैं।
मोदी यहां खरगोन और खंडवा संसदीय क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान मंच पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और राज्य सरकार के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी उपस्थित थे। इस संसदीय क्षेत्र में 13 मई को मतदान होना है।
अपने संबोधन में मोदी ने कहा कि आदिवासी समाज आजादी का सबसे बड़ा रक्षक रहा है। इस समाज ने ही अयोध्या से एक राजकुमार के तौर पर निकले राम को अपने साथ रखकर मर्यादा पुरुषोत्तम राम बना दिया। उस राजकुमार को राम आदिवासी समाज ने ही बनाया।
उन्होंने कहा कि हम पूरी रामायण पढ़ें, राम के साथ 14 साल केवट, निषाद जैसे, यही लोग थे। उन्होंने कहा कि आदिवासी वो हैं, जो एक राजकुमार को राम बना सकते हैं, इसीलिए वे आदिवासियों की पूजा करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर समृद्ध आदिवासी योगदान को 60 साल तक आगे नहीं आने देने का भी आरोप लगाया।
इसके साथ ही उन्होंने आदिवासी जननायकों और मध्यप्रदेश में बनाए गए उनके स्मारकों का भी संदर्भ दिया और कहा कि भाजपा ने ही आदिवासियोंं काे उनका गौरव लौटाया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कल इस क्षेत्र में चुनाव प्रचार के लिए आए थे। यहां उन्होंने अपने संबोधन में लगातार आरोप लगाया था कि भाजपा आदिवासियों का आरक्षण छीनना चाहती है और उन्हें वनवासी कहकर उनका अपमान करती है। गांधी ने ये भी कहा था कि प्रधानमंत्री आदिवासियों का जल जंगल जमीन का अधिकार छीनकर अदाणी जैसे उद्योगपतियों को सौंपना चाहते हैं।
मोदी ने इस आदिवासीबहुल क्षेत्र में सुबह 10 बजे के समय की सभा में उमड़े जनसैलाब को देखते हुए कहा कि वे भी संगठन में रहे हैं और उस दौरान अगर उन्हें इतनी सुबह का समय सभा के लिए मिलता था, तो लोगों को सभा में लाने के नाम पर पसीने छूट जाते थे। उन्होंने कहा कि सुबह 10 बजे पार्टी का कोई बड़ा कार्यक्रम करना लोहे के चने चबाने जैसा है। इस के साथ ही उन्होंने पार्टी संगठन की प्रशंसा करते हुए कहा कि सुबह-सुबह इतना बड़ा कार्यक्रम करवाने वालों को सौ सौ सलाम हैं।
नर्मदा किनारे बसे इस क्षेत्र के संदर्भ में उन्होंने कहा कि वे यहां विकसित भारत के संकल्प के लिए आशीर्वाद मांगने आए हैं। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि नर्मदा के तट पर जो रहते हैं, वो किसी मांगने वाले को निराश नहीं करते।