देहरादून। दिल्ली के बुराड़ी स्थित हिरनकी में ‘श्री केदारनाथ धाम’ के नाम से मंदिर स्थापित किए जाने का विरोध शुरू हो गया है। विपक्ष जहां लगातार सवाल खड़े कर रहा है, वहीं केदार घाटी में पांडा पुरोहितों सहित स्थानीय लोग इसका जमकर विरोध कर रहे हैं। इस घटनाक्रम को लेकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि हमारा ज्योतिर्लिंग एक ही है, उसका स्थान एक ही है, दूसरे स्थान पर धाम नहीं हो सकता। प्रतीकात्मक रूप से मंदिर अनेक स्थानों पर बने हैं। ऐसे स्थानों पर मंदिर बनते रहें, लेकिन मूल ज्योतिर्लिंग हमारा उत्तराखंड राज्य के अंदर है। दूसरे स्थान पर धाम नहीं हो सकता। धाम केवल एक ही है जो उत्तराखंड देवभूमि में है।
दरअसल, पिछले हफ्ते केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर शिलान्यास के विरोध में एकजुट हुए थे। इस दौरान तीर्थ पुरोहित समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण का शिलान्यास किये जाने का विरोध किया था। केदारनाथ धाम के तीर्थ पुरोहितों का मानना है कि ऐसा कर हिन्दू परंपराओं के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सरकार को इस फैसले को शीघ्र वापस लेना चाहिए नहीं तो हमारी तैयारी बड़े आंदोलन करने की है। यह हिंदू आस्था के साथ सनातन और वैदिक परंपरा का अपमान है। दरअसल, दिल्ली में भगवान केदारनाथ के प्रतीकात्मक मंदिर निर्माण का भूमि पूजन किया गया है, जिसका शिलान्यास सीएम धामी ने किया था। इसके बाद केदारघाटी की जनता और केदारनाथ का पंडा समाज आहत और आक्रोशित है।