कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में रामनवमी जुलूस से पहले माहौल तनावपूर्ण हो गया है। रावतपुर थाना क्षेत्र के मसवानपुर में रामनवमी की तैयारियों के दौरान पुलिस द्वारा लाउडस्पीकर जब्त किए जाने पर हिंदू संगठनों में आक्रोश फैल गया। शनिवार रात रामलला मंदिर रोड पर सैकड़ों लोग जमा होकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे और सड़क जाम कर दी।
जानकारी के मुताबिक, रामनवमी को लेकर श्रद्धालुओं ने जगह-जगह टेंट और लाउडस्पीकर लगाए थे। शनिवार शाम लगभग 7:30 बजे डीसीपी वेस्ट रावतपुर गांव पहुंचीं और डीजे सिस्टम बंद कराने के निर्देश दिए। इसके बाद पुलिस ने करीब 10 साउंड सिस्टम जब्त कर अपनी गाड़ी में लदवा दिए।
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इस पर पूर्व पार्षद और रामलीला कमेटी के संयोजक रामऔतार प्रजापति ने लाउडस्पीकर न ले जाने का निवेदन किया और यहां तक कि डीसीपी के पैर पकड़कर भी मिन्नतें कीं, लेकिन पुलिस ने बात नहीं मानी और टेंट उखाड़ने तक का आदेश दे दिया।
इससे पहले भी डीसीपी शारदा नगर से आठ और रोशन नगर से छह लाउडस्पीकर जब्त कर चुकी थीं। जब यह खबर हिंदू संगठनों तक पहुंची तो बड़ी संख्या में लोग रावतपुर गांव पहुंच गए। देखते ही देखते सैकड़ों की भीड़ हजारों में बदल गई और विरोध-प्रदर्शन ने उग्र रूप ले लिया।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस की इस कार्रवाई के बाद भी स्थानीय विधायक मौके पर नहीं पहुंचे, जिससे नाराजगी और बढ़ गई। लोगों ने एलान किया कि जब तक पुलिस पर कार्रवाई नहीं होती, रामनवमी का जुलूस नहीं निकाला जाएगा।
बाद में स्थिति को शांत करने के लिए बिल्हौर विधायक राहुल बच्चा मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। वहीं, एडिशनल पुलिस कमिश्नर हरीश चंदर ने कहा कि रामनवमी के आयोजकों को कई दिन पहले ही साउंड सिस्टम के संबंध में हाईकोर्ट के निर्देशों की जानकारी दे दी गई थी। उन्हें यह भी बताया गया था कि एक जुलूस में दो से अधिक साउंड सिस्टम का इस्तेमाल कोर्ट की अवमानना माना जाएगा।
इस बीच, बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए और कहा कि रामनवमी कमेटी के साथ हुई बैठकों में जनप्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया गया, जिससे यह विवाद खड़ा हुआ।