नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश सरकार के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं। पूर्व सीएम रेड्डी ने प्रदेश सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाया है। धरना-प्रदर्शन में यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी शामिल हुए। इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार बचाने के लिए पैकेज दिया जा रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि जो बजट पेश हुआ है उससे यह साफ दिखता है कि सरकार कितनी कमजोर है। हम लोग तो किसान के लिए समर्थन मूल्य मांग रहे थे। किसान-गरीब के लिए पैकेज मांगते हैं। लेकिन, यह सरकार उन्हें पैकेज दे रही है, जो सरकार चलवा रहे हैं। सरकार चलवाने के लिए पैकेज मिल रहा है। बिहार को पैकेज मिला, आंध्र प्रदेश को पैकेज मिला।
हम ये नहीं कहते कि पैकेज नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि डेवलपमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए पैसा मिले, लेकिन दूसरे प्रदेशों के साथ भेदभाव न हो। उत्तर प्रदेश को क्यों नहीं पैकेज मिला? बिहार की बाढ़ रोकनी है तो भारत सरकार को नेपाल से बात करनी पड़ेगी। लेकिन, सरकार अगर उत्तर प्रदेश की बाढ़ रोकती है तो बिहार की बाढ़ भी रुक जाएगी। जो एक्सप्रेसवे बिहार को दिया जा रहा है, उसे अगर यूपी से भी जोड़ दिया जाता तो ज्यादा बेहतर होता। हम किसी को पैकेज देने के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन, उत्तर प्रदेश के साथ भेदभाव स्वीकार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने दस साल में नौजवानों की नौकरी और वेतन छीनी। अब आप युवाओं को पांच हजार की नौकरी देना चाहते हैं, वह भी तब जब सरकारी कर्मचारी आठवां वेतन आयोग लागू करने की मांग कर रहे हैं।
सरकारी कर्मचारी महंगाई को देखते हुए आठवां वेतन आयोग लागू करने की मांग कर रहे हैं और सरकार पांच हजार रुपये की नौकरी दे रही है। उन्होंने कहा कि हम तो नौजवानों के लिए पैकेज मांगते हैं। लेकिन सरकार पैकेज देकर सरकार चला रही है। वहीं नीट के मामले पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आगे हम क्या ही कह सकते हैं? लेकिन ये बात तो मन में आती है कि एक ही सेंटर पर इतने कैसे पास हो रहे हैं। हमारी तो सरकार और शिक्षा मंत्री से निवेदन है कि यूपी में भी एक ऐसा सेंटर हो जहां सबसे ज्यादा बच्चे नीट में पास हो जाएं।