नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी कर्मठता, कार्यशैली, कार्य कुशलता आदि अनेक गुणों के साथ अपने पहनावे के लिए भी चर्चा में रहते हैं। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने लालकिले से पहली बार तिरंगा फहराते समय जो साफा बांधा, उसके बाद से यह साफा भी लगातार चर्चा में रहने लगा है। वे हर साल स्वाधीनता दिवस और गणतंत्र दिवस पर साफा बांधते हैं, पर खास बात यह है कि हर बार अलग प्रकार का।
भारतीय वेशभूषा में साफा पहनने का अपना अलग ही महत्व है और यह क्षेत्र एवं समुदाय विशेष से जुड़ा है। खासकर राजस्थान के। यहां यह जानना भी रोचक है कि प्रधानमंत्री मोदी को पिछले दस साल से एक ही व्यक्ति राजस्थानी साफा बांधता आ रहा है, जिनका नाम है देवी सिंह। रोचक इसलिए कि देश के प्रधानमंत्री को अब तक 18 बार साफा बांध चुके देवी सिंह ने ऐसा करते हुए एक बार भी फोटो नहीं खिंचवाई।
भारतीय सेना से सेवानिवृत्त देवी सिंह राजस्थान के जोधपुर जिले के बालेसर मूल के निवासी हैं। वर्तमान समय में वह दिल्ली के द्वारका में रहते हैं। वे बताते हैं कि मेरे लिए इससे बड़ी खुशी और गौरव की बात और क्या हो सकती है कि मैं विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र वाले देश के मुखिया को हर बार राष्ट्रीय समारोह पर राजस्थानी आन-बान और शान का साफा बांधता हूं।
रोबीली मूँछों के साथ राजपूती अंदाज वाले देवी सिंह बताते हैं कि वे प्रधानमंत्री मोदी को 2014 से साफा बांधने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उस समय राजस्थान से करीब चौदह कलाकार दिल्ली आए थे लेकिन प्रधानमंत्री को उनके हाथ की सफाई पसंद आई और तब से अब तक वे इस विश्वास को कायम रखे हुए हैं तथा उन्होंने कभी इस बात का प्रचार-प्रसार भी नहीं किया।
देवी सिंह ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को भिन्न-भिन्न रंगों और प्रकार के राजस्थानी साफा बांधे हैं जोकि उनके व्यक्तित्व में चार चांद लगाने वाले साबित हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के अलावा देवीसिंह रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (रि.) वीके सिंह सहित अन्य कई राष्ट्रीय नेताओं और राज्यों के मुख्यमंत्रियों को राजस्थानी साफा बांध चुके हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह से इनके पारिवारिक संबंध हैं। साफा बांधने में उनका हुनर इतना जबरदस्त कि वे मिनटों में बहुत उत्कृष्ट श्रेणी का साफा बांध लेते हैं। वर्तमान में उनका परिवार साफा बांधने की सिद्धहस्त हुनर के चलते दिल्ली में होने वाली शादियों और समारोह में भी अपनी सेवाएं दे रहा है। यह उनके जीवनयापन का भी एक आयाम बन गया है।