Tuesday, November 5, 2024

बिजनौर और नगीना में ये रहा चुनावी माहौल, क्या चन्दन और चंद्रशेखर जीत सकते है ?

बिजनौर । गत लोक सभा चुनाव की अपेक्षा इस लोकसभा चुनाव में हुए कम मतदान में विपक्षी अपनी जीत की संभावना तलाश रहे हैं । वहीं सत्तारूढ़ भाजपा अपनी जीत निश्चित मानकर चल रही है । बिजनौर लोकसभा में इस बार 58. 21 प्रतिशत मतदान हुआ है जबकि 2019 में 63.95 मतदान हुआ था जो लगभग 5% से कम है ।

नगीना लोकसभा सीट पर 59.54% मतदान हुआ है वहीं 2019 में इस सीट पर 62.11% मतदान हुआ था जो लगभग 2% काम है । नगीना लोकसभा सीट पर अत्यंत रोचक मुकाबले में आजाद समाज पार्टी के चन्द्रशेखर भाजपा को सीधी टक्कर देते नजर आ रहे हैं । इस सीट पर चुनाव से पहले भाजपा की सपा से टक्कर मानी जा रही थी मतदान के दिन रुझान देखते हुए स्पष्ट हो गया कि भाजपा के साथ आसपा के चंद्रशेखर की सीधी लड़ाई है । चंद्रशेखर को युवा दलित वोटरों ने भरपूर समर्थन दिया है ।

भाजपा के प्रत्याशी ओम कुमार से क्षेत्र में व्याप्त नाराजगी ने वोटों का गणित बिगाड़ा है , इस क्षेत्र के जाटों ने नाराजगी के चलते चंद्रशेखर को वोट दिया वहीं अन्य वर्ग भी चंद्रशेखर के पक्ष में खड़े दिखाई दिए । मुस्लिम भी चंद्रशेखर के पक्ष में एकतरफा मतदान करते दिखाई दिए । सवेरे मुस्लिम मतदाता इक्का दुक्का करके घर से निकले इसलिए मतदान हल्का रहा। शुक्रवार का दिन था जुम्मे की नमाज पढ़कर 2:00 बजे के बाद मतदान केंद्रों पर मतदाता मतदान करने पहुंचे जिसमें मुस्लिम मतदाता सीधे चंद्रशेखर को मतदान करते दिखाई दिये ।

नहटौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक ओम कुमार लगातार तीसरी बार विधायक बन चुके हैं पर अपने तीसरे कार्यकाल तक वह क्षेत्र में कोई बड़ा काम कराने में कामयाब नहीं हो सके जो क्षेत्र में उनकी बड़ी पहचान साबित करें। हल्दौर क्षेत्र के लोगों की हल्दौर को तहसील बनाने की मांग दशकों से चली आ रही है, जिसे विधायक ओम कुमार ने दो बार विधानसभा में भी उठाया है तथा इसके लिए वह मुख्यमंत्री से भी मिलकर हल्दौर को तहसील का दर्जा दिए जाने की मांग कर चुके हैं पर उनको मुख्यमंत्री से आश्वासन के अलावा और कुछ नहीं मिल सका । अब देखना रोचक होगा कि इस मुकाबले में भाजपा इस सीट पर कब्जा करने में सफल होती है या नहीं । भाजपा के इस सीट पर मुख्य संघर्ष में होने के कारण के पीछे मुस्लिम दलित वोटो का बंटवारा माना जा रहा है क्योंकि नजीबाबाद क्षेत्र में मुस्लिम वोटो ने साइकिल पर मतदान किया है वहीं दलित बड़े वर्ग के वोटरों ने अपनी परंपरा के अनुसार बसपा के पक्ष में मतदान किया है इसी बंटवारे के आधार पर भाजपा बाजी मार सकती है ।

बिजनौर लोकसभा सीट पर भाजपा के गठबंधन प्रत्याशी रालोद के चंदन चौहान के सामने सपा के दीपक सैनी की सीधी टक्कर मानी जा रही है । भाजपा के परंपरागत सैनी मतों में सपा प्रत्याशी ने गहरी सेंध लगाई है वही मुस्लिम मतदाताओं ने भी सपा के पक्ष में दबाकर साइकिल की सवारी की है । इस क्षेत्र में दलित वोटों का रुझान अधिकांश बसपा की ओर देखा गया । कुछ हद तक मुस्लिम मतदाता भी बसपा को मतदान करते दिखाई दिए यह बंटवारे का समीकरण भाजपा के आधार को मजबूती प्रदान करता है । इस सीट पर तीनों प्रत्याशी अच्छा चुनाव लड़े है  इसलिए इस बार चार लाख के आसपास ही जीत का समीकरण बन सकता है।

इसके बावजूद रालोद को चुनाव चिन्ह के कारण मतदाताओं में फैली भ्रम की स्थिति से नुकसान हुआ है । काफी संख्या ऐसे मतदाता की भी देखने को मिली जो ये पूछते नजर आयें कि मशीन में फूल का निशान नहीं था। इस सबके पीछे भाजपा व रालोद का व्यापक प्रचार नहीं होना तथा मतदाता को ये समझाने में विफल रहे कि गठबंधन में रालोद का चुनाव चिन्ह नल है जिस पर मतदान करना है । प्रचार में दोनों दलों का एक साथ सामंजस्य नहीं देखा गया । वहीं भाजपा के लोग प्रचार कम फोटो सेशन करते अधिक दिखाई दिए । भाजपा में बाहर से प्रचार की जिम्मेदारी लेकर बिजनौर भेजे गये पदाधिकारी फोटो सेशन तक सीमित रहे। यही सब कारण रहे कि मतदाताओं में चुनाव चिन्ह को लेकर फैली भ्रम की स्थिति पूरी तरह साफ नहीं हो सकी ।

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