नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रस्तावित 24 अस्पतालों के निर्माण से जुड़े एक कथित बड़े घोटाले को लेकर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि दिल्ली की पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार द्वारा शुरू की गई अस्पताल निर्माण प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं सामने आई हैं और इस पूरे मामले की शिकायत एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) से की गई है। विजेंद्र गुप्ता ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से कहा, “जब अगस्त 2024 में मैं दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष था, तब मैंने इस मामले की गहराई से जांच कराई थी। जांच में यह सामने आया कि इस योजना में हजारों करोड़ रुपए खर्च किए गए, लेकिन आज भी ये 24 अस्पताल अधूरे पड़े हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि कहीं न कहीं योजना की प्रारंभिक प्लानिंग में गंभीर खामियां थीं।
“उन्होंने बताया कि शिकायत के आधार पर एसीबी ने मामले में एफआईआर दर्ज करने की अनुमति मांगी थी, क्योंकि यह मामला तत्कालीन मंत्री सौरभ भारद्वाज से संबंधित है। चूंकि यह एक मंत्री के खिलाफ शिकायत थी, इसलिए यह मामला भारत सरकार के गृह मंत्रालय को भेजा गया है और डायरेक्टरेट ऑफ विजिलेंस, दिल्ली सरकार द्वारा इसे फॉरवर्ड किया गया है। गुप्ता ने विश्वास जताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय इस पर जल्द अनुमति देगा और दोषियों के खिलाफ निश्चित रूप से कार्रवाई होगी।
उन्होंने कहा कि इस घोटाले में सरकारी धन का घोर दुरुपयोग और बर्बादी हुई है। जो धन जनता की स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च होना था, वह या तो बेकार गया या फिर उसका दुरुपयोग हुआ। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला दोनों पूर्व स्वास्थ्य मंत्रियों से जुड़ा है और इसकी तहकीकात राजनीतिक नहीं बल्कि जनहित में की गई है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के रूप में उन्होंने इस पूरे घोटाले को उजागर किया और जांच में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं सामने आईं। अब जरूरत है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही और भ्रष्टाचार दोबारा न हो।