Monday, December 23, 2024

अडानी समूह के लिए आज का दिन महत्वपूर्ण, LIC को भी हुआ 16500 करोड़ का नुकसान, ग्रुप ने की सफाई जारी

नई दिल्ली-हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के कारण अडानी समूह से जुड़ी कंपनियों में भारी गिरावट देखने को मिली, जिसमें देश की दिग्गज कंपनी एलआईसी भी शामिल है इसी बीच अडानी समूह ने रविवार को हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा फैलाए गए बेबुनियाद और भ्रामक बताते हुए सफाई जारी की है । माना जा रहा है कि सोमवार को बाज़ार अडानी समूह के लिए बहुत बड़ा फैसला करने वाला होगा।

यह रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद से एलआईसी को भी 16,500 करोड़ रुपये का झटका लगा है। भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने अडानी समूह के शेयरों में निवेश से 27,300 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया था । अडानी के शेयरों में एलआईसी का कुल निवेश 28,400 करोड़ रुपये रहा है। पिछले हफ्ते के क्रैश होने से पहले इन शेयरों की वैल्यू 72,200 करोड़ रुपये थी। एलआईसी द्वारा रखे गए अडानी समूह के शेयरों का मूल्य 55,700 करोड़ रुपये है, जिसमें एलआईसी अभी भी 27,300 करोड़ रुपये के लाभ में है।

आपको बता दे कि देश के सबसे अमीर शख्स गौतम अडाणी की संपत्ति में पिछले दो दिनों में बड़ी गिरावट दर्ज हुई है। दुनिया के अमीरों की सूची में टॉप 5 की सूची से अडाणी बाहर हो गए हैं। फोर्ब्स रियलटाइम बिलेनियर की सूची में वे चौथे स्थान से खिसककर सातवें पायदान पर पहुंच गए हैं।

फोर्ब्स रियलटाइम बिलेनियर की शुक्रवार को जारी सूची के मुताबिक गौतम अडाणी की संपति 22.6 अरब डॉलर घटकर 96.6 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। अडाणी की संपत्ति में यह गिरावट अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आने के बाद दर्ज की गई है। इस रिपोर्ट में अडाणी समूह के बही-खातों में गड़बड़ी की बात कही गई है।

इसी बीच अरबपति उद्यमी गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह ने अमरीकी सट्टा बाजार कंपनी हिंडेनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट का चार सौ पृष्ठों का कड़ा जवाब देते हुए रविवार को कहा कि यह रिपोर्ट निहित उद्देश्यों से जारी की गई है और इसमें निराधार भ्रम फैलाया गया है।
अडानी समूह ने कहा है कि हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट उसके शेयरधारकों और सार्वजनिक निवेश की लागत पर मुनाफा कमाने के लिए तैयार की गई है और यह पूरी से अस्पष्ट है।
अडानी समूह ने अपने जवाब के साथ प्रासंगिक दस्तावेज और संदर्भ भी प्रस्तुत किए है। समूह की कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के अनुवर्ती शेयर निर्गम (एफपीओ) के समय विवाद उत्पन्न करने वाली हिंडेनबर्ग की इस रिपोर्ट के विस्तृत जवाब के संबंध में जारी एक मीडिया नोट में अडानी समूह ने कहा है कि अमरीकी कंपनी ने उसके संबंध में अपनी रिपोर्ट में भारत की न्यायपालिका और नियामकीय व्यवस्था को अपनी सुविधा के अनुसार नजरअंदाज किया है।
अडानी समूह ने जवाब में अपनी कम्पनियों में अपनाए जाने वाले संचालन के आदर्शों , प्रतिष्ठा , साख और पारदर्शी व्यवहार तथा वित्तीय परिचालन के परिणामों और उत्कृष्टता का जिक्र किया है।
समूह ने कहा है कि यह रिपोर्ट न तो स्वतंत्र है और न ही तथ्यपरक है। इसे केवल एक तिकड़मभरा दस्तावेज कहा जा सकता है। जिसमें हितों का टकराव जगह जगह झलकता है। अडानी समूह ने कहा है कि इस रिपोर्ट का उद्देश्य लाभ काटने के लिए एक प्रतिभूतियों का छलावापूर्ण बाजार तैयार करना है जोकि भारतीय कानून के अनुसार शेयर बाजार की धोखाधड़ी है।
अडानी समूह ने कहा है कि हिंडेनबर्ग की रिपोर्ट में 88 सवाल उठाए गए थे जिसमें से 68 के बारे में समूह की कम्पनियां ने अपनी वार्षिक रिपोर्टो , पेशकश के प्रस्तावों , वित्तीय विवरणों और शेयर बाजार को दी गई जानकारियों में उनका विवरण पहले ही प्रकाशित कर रखा है। बाकी 20 में से 16 सवाल सार्वजनिक शेयर धारकों और उनके धन के स्रोत के बारे में है। इनके अलावा बाकी चार सवाल निराधार आरोप के अलावा कुछ नहीं है।
अडानी समूह ने कहा है कि हिंडेनबर्ग ने यह सवाल इसलिए पैदा किए कि ताकि वह अपने लक्षित व्यक्तियों का ध्यान भटका सके और अडानी समूह की प्रतिभूतियों के कारोबार में निवेशकों की लागत पर अपनी शार्ट पॉजीशन का फायदा उठा सके।
अडानी समूह ने कहा है कि अमरीकी कम्पनी यह दावा करती है कि उसने इस रिपोर्ट के लिए दो साल जांच की और कई सबूत इकठ्ठा किए लेकिन उसका यह दावा केवल सार्वजनिक सूचनाओं की चुनिंदा और अपूर्ण हिस्सों के संकलन के अलावा कुछ भी नहीं।
अडानी समूह ने कहा है कि यह रिपोर्ट उसकी प्रतिष्ठा और उसके प्रति विश्वास पर हमला है और यह जिस तरह उसके एफपीओ समय जारी की गई है वह भारतीय एवं विदेशी निवेशकों के संबंध में भ्रम और आशंका पैदा करने के लिए लायी गई है और वह इसकी गंभीरतापूर्वक आपत्ति करते है।
उल्लेखनीय है कि अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ के ठीक पहले आयी इस रिपोर्ट के बाद इस कंपनी का शेयर टूटकर 2762 के रुपये के भाव आ गया है जबकि कंपनी ने एफपीओ के लिए आवेदन मूल्य का दायरा 3112 रुपये से लेकर
3276 रुपये प्रति शेयर तय किया है। 31 जनवरी को यह निर्गम बंद हो रहा है।

हिंडनबर्ग ने इस रिपोर्ट को किसी परोपकारी कारणों से प्रकाशित नहीं किया है बल्कि विशुद्ध रूप से स्वार्थी उद्देश्यों से और लागू प्रतिभूतियों और विदेशी मुद्रा कानूनों के खुले उल्लंघन में प्रकाशित किया है।

इस मामले की सच्चाई यह है कि हिंडनबर्ग एक अनैतिक शॉर्ट सेलर है। सिक्योरिटीज मार्केट बुक्स में एक शॉर्ट सेलर शेयरों की कीमतों में बाद की कमी से लाभ प्राप्त करता है।

हिंडनबर्ग ने ‘शॉर्ट पोजिशन’ ली और फिर, शेयर की कीमत के नीचे सर्पिल को प्रभावित करने और गलत लाभ कमाने के लिए, हिंडनबर्ग ने स्टॉक की कीमत में हेरफेर करने और उसे कम करने और एक झूठे बाजार बनाने के लिए एक दस्तावेज प्रकाशित किया। तथ्य के रूप में प्रस्तुत किए गए आरोप और आक्षेप आग की तरह फैल गए, बड़ी मात्रा में निवेशकों की संपत्ति का सफाया हो गया और हिंडनबर्ग के लिए लाभ कम हो गया। शुद्ध परिणाम यह है कि सार्वजनिक निवेशक हार जाते हैं और हिंडनबर्ग अप्रत्याशित लाभ कमाता है।

यह रिपोर्ट अडानी समूह की प्रतिनिधि कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज का अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (FPO) आने के ऐन पहले आई। कंपनी का एफपीओ के जरिये 20,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य है। लेकिन शुक्रवार को निर्गम खुलने पर भारी बिकवाली होने से कंपनी के शेयर काफी नीचे चले गए। अडानी समूह ने इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा है कि इसे गलत इरादे से उसके एफपीओ को नुकसान पहुंचाने के मकसद से जारी किया गया है। इसके साथ ही उसने कानूनी विकल्प आजमाने पर विचार करने की भी बात कही है।

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