सोनीपत । ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल के विरोध में सरपंच एसोसिएशन के आह्वान पर गन्नौर, मुडलाना, गोहाना व कथूरा ब्लाक के सरपंच ने गन्नौर विधानसभा क्षेत्र की विधायक निर्मल चौधरी के आवास के बाहर दो दिवसीय धरना मंगलवार से शुरू कर दिया।
विधायक के आवास पर न होने की वजह से सरपंचों ने मुख्यमंत्री के नाम अपना मांग पत्र विधायक के निजी सचिव को सौंपा और विधायक से फोन पर बात की है। विधायक ने उनकी मांगों काे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है। सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए विधायक आवास पर पुलिस तैनात रही।
एसीपी आत्माराम व गन्नौर थाना प्रभारी कर्मजीत सिंह ने मौके पर विधायक आवास पर भी मौजूद रहे। सरपंचों का कहना है कि सरकार ने जब तक ई-टेंडरिंग व्यवस्था और राइट टू रिकॉल को जब तक वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक उनका धरना जारी रहेगा। गांव के लोगों ने उन्हें गांव के विकास करवाने के लिए सरपंच बनाया है, लेकिन सरकार यह नहीं चाहती कि गांव का विकास हो। सरकार तानाशाही रवैया अपना रही है।
उन्होंने कहा कि दो लाख में गांव का कोई भी विकास कार्य नहीं करवाया जा सकता है। अब वह पंचायत की आमदनी में भी दो लाख रूपये से अधिक खर्च नहीं कर सकते। ऐसे में गांव की टूटी गलियों, नालों, नालियों का काम नहीं करवा सकते।
सरकार ने उनके सारे अधिकारी छीन लिए हैं, जबकि ग्राम पंचायत लोकतंत्र की सबसे छोटी और मजबूत इकाई है। पंचायती राज को खत्म करने पर तुली है। इसके अलावा सरपंचों को फैमली आईडी को बंद करने, नरेगा की मजदूरी 600 रुपये प्रतिदिन करने व सरपंचों का भत्ता 30 हजार रुपये प्रतिमाह व पंचों का भत्ता 10 हजार रुपये प्रतिमाह करने की भी मांग की।